नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को बताया कि स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद भारत ने भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने की क्षमता हासिल कर ली है. इस दिशा में पहला भारी उपग्रह अगले वर्ष दिसंबर में प्रक्षेपित करने की उम्मीद है. लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में अंतरिक्ष एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो ने मंगलवार को स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया, जो ईधन के रूप में तरल ऑक्सिजन और हाइड्रोजन का उपयोग करता है. स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के परीक्षण से भारत चार टन भार के भारी उपग्रहों को जियोस्टेशनरी कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा. मंत्री ने कहा कि ऐसे पहले उपग्रह को दिसंबर, 2016 तक प्रक्षेपित करने की उम्मीद है. हम ऐसे उपग्रहों को दूसरे देश के लांचिंग पैड से प्रक्षेपित करते है. अब यह स्वदेश में होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी है. इस दिशा में मंगल अभियान का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि हमें 400 चित्र प्राप्त हुए हैं. इस सफलता ने भारत को सामरिक लाभ की स्थिति प्रदान की है और उनके प्रभुत्व को स्थापित करने के साथ आगे के अभियान का मार्ग प्रशस्त किया है.
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भारत अगले वर्ष दिसंबर तक भारी उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा
नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को बताया कि स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद भारत ने भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने की क्षमता हासिल कर ली है. इस दिशा में पहला भारी उपग्रह अगले वर्ष दिसंबर में प्रक्षेपित करने की उम्मीद है. लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में अंतरिक्ष एवं […]
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