आइआइटी में एडमिशन नहीं हो, तो धैर्य रखें रांची. हर बच्चे की इच्छा होती है कि वह देश के श्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थान आइआइटी से पढ़ाई करें. जब ऐसा नहीं हो पाता है, तब उनका दूसरा विकल्प एनआइटी होता है. अमूमन छात्र इस बात का अंदाजा लगाते हैं कि क्या मेरी रैंकिंग एनआइटी के लायक है. यदि किसी छात्र का रैंक एक लाख या इससे अधिक होता है, तो वह एनआइटी की उम्मीद छोड़ ही देता है. इसके बाद वे जहां संभव हो पाता है नामांकन ले लेते हैं. यदि बच्चे थोड़ा धैर्य रखें, तो एनआइटी में भी नामांकन मिल जाता है. एनआइटी में कट-ऑफ से जुड़ी विकास कुमार की रिपोर्ट में सीट अलॉटमेंट और एनआइटी में कितने रैंक तक नामांकन हो सकता है की जानकारी उपलब्ध है. …………………..समझें सीट अलॉटमेंट कोसीट अलॉटमेंट में तीन बातों को जानना आवश्यक है. जेइइ मेन की ऑल इंडिया रैंकिंग आने के बाद सीट अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू होती है. पहली यह प्रक्रिया डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू . सीएसएबी. इन पर होती है. दूसरी सभी संस्थाओं में सीट अलॉटमेंट चार राउंड में पूरी की जाती है. इन चार राउंड के बाद भी यदि सीट खाली रह जाती है, तो स्पॉट राउंड का आयोजन किया जाता है. हर संस्थान के पहले राउंड की ओपनिंग व क्लोजिंग रैंक को जानना आवश्यक है. तभी आप अपनी च्वाइस फिलिंग कर पायेंेगे. फिलहाल हम यहां आपको साल 2014 में सभी एनआइटी के सभी केटेगरी की अंतिम कट ऑफ की सूची दे रहे हैं. जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस एनआइटी में कितने रैंक तक नामांकन हो सकता है.
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एनआइटी में भी बेहतर अवसर
आइआइटी में एडमिशन नहीं हो, तो धैर्य रखें रांची. हर बच्चे की इच्छा होती है कि वह देश के श्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थान आइआइटी से पढ़ाई करें. जब ऐसा नहीं हो पाता है, तब उनका दूसरा विकल्प एनआइटी होता है. अमूमन छात्र इस बात का अंदाजा लगाते हैं कि क्या मेरी रैंकिंग एनआइटी के लायक है. […]
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