रांची: रांची विवि अंतर्गत पत्रकारिता व जनसंचार विभाग में विवि के आदेश के विरुद्ध तीन कर्मचारियों ने 14 माह का लगभग दुगुना वेतन ले लिया है. इस मद में लगभग पांच लाख रुपये अतिरिक्त खर्च हुए हैं. विवि प्रशासन को जब पता चला तो जांच कराने का निर्णय लिया गया. अगले भुगतान पर तत्काल रोक लगा दी गयी. इनके वेतन भुगतान के संदर्भ में पूर्व निदेशक सुशील अंकन, प्रभारी निदेशक सह डीन डॉ सरस्वती मिश्र व वर्तमान निदेशक डॉ एसएनपी सिंह शाही से भी स्पष्टीकरण ली जायेगी.
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पत्रकारिता विभाग ने विवि के पास अगले वर्ष के लिए बजट भेजा. बजट में लगभग आठ लाख रुपये की मांग की गयी. विवि ने जब पत्रकारिता विभाग को पूर्व में दिये गये पांच लाख रुपये व तुरंत बाद चार लाख 75 हजार रुपये का हिसाब मांगा तब यह पता चला कि पत्रकारिता विभाग में कार्यरत तीन कर्मचारियों ने प्रति माह अधिक वेतन लिया है.
तृतीय वर्ग के दो कर्मचारियों को प्रतिमाह क्रमश: 13 हजार 500 रुपये और 11 हजार 500 रुपये तथा चतुर्थ वर्ग के एक कर्मचारी को प्रति माह पांच हजार पांच सौ रुपये भुगतान करने का आदेश जारी किया गया था. इसके बावजूद तृतीय वर्ग कर्मचारियों ने अप्रैल 2012 से जून 2013 तक कुल 14 माह का वेतन क्रमश: लगभग 28 हजार रुपये और लगभग 21 हजार रुपये प्रतिमाह के आधार पर ले लिया है. पता चला है कि इनके भुगतान की पहली स्वीकृति पूर्व निदेशक डॉ सुशील अंकन द्वारा दी गयी थी. इसके बाद के दो और निदेशकों ने भी विवि के आदेश के विरुद्ध वेतन से संबंधित चेक पर हस्ताक्षर कर दिया.