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पटना ब्लास्ट : पीएलएफआइ ने ही दिया था विस्फोटक, कुंदन के बाद दो और गिरफ्तार
रांची/पटना/बिहारशरीफ : पटना के बहादुरपुर ब्लास्ट मामले में एटीएस और पटना पुलिस ने शनिवार को नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के जहानचक गांव से अभिषेक और मसौढ़ी से विक्की को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी कुंदन की गिरफ्तारी के बाद दो अन्य को पकड़ना पुलिस के लिए दूसरी बड़ी सफलता है. गिरफ्तार युवकों के संबंध […]
रांची/पटना/बिहारशरीफ : पटना के बहादुरपुर ब्लास्ट मामले में एटीएस और पटना पुलिस ने शनिवार को नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के जहानचक गांव से अभिषेक और मसौढ़ी से विक्की को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी कुंदन की गिरफ्तारी के बाद दो अन्य को पकड़ना पुलिस के लिए दूसरी बड़ी सफलता है.
गिरफ्तार युवकों के संबंध झारखंड के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) से हैं. पुलिस अधिकारियों को इस बात के संकेत मिले हैं कि पीएलएफआइ ने ही बम बनाने की सामग्री उपलब्ध करायी थी. अभिषेक से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि 30 मार्च को पटना में भीड़-भाड़ वाले 32 स्थानों पर एक साथ ब्लास्ट करने की योजना थी.
विस्फोटक व अन्य रासायनिक पदार्थ रांची से मंगाये गये थे.तिलेश्वर साहू हत्याकांड में शामिल था अभिषेक : अभिषेक पूरे घटनाक्रम का लाइनर बताया जाता है. अभिषेक के पिता नंदलाल प्रसाद किसान हैं. जिस समय फ्लैट में विस्फोट हुआ था, उस समय विक्की वहां मौजूद था और वह भी कुंदन के साथ वहां से भाग कर मसौढ़ी के कादिरगंज स्थित ननिहाल में छुप कर रह रहा था.
विक्की मूल रूप से गौरीचक के दौलतपुर गांव का निवासी है.
हजारीबाग के बरही में आठ मार्च 2014 को हुई आजसू नेता तिलेश्वर साहू की हत्या में पीएलएफआइ ने जिन अपराधियों का इस्तेमाल किया था, उनके संबंध अभिषेक से हैं. इस सूचना के बाद हजारीबाग की पुलिस ने भी तिलेश्वर साहू की हत्या के मामले के अनुसंधान की जांच नये सिरे से शुरू कर दी है. उल्लेखनीय है कि तिलेश्वर साहू की हत्या के बाद पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप ने कहा था कि घटना को उसके संगठन के लोगों ने अंजाम दिया है.
आतंकी संगठन से भी हो सकते हैं संबंध
पटना पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक बहादुरपुर ब्लास्ट में शामिल युवकों के संबंध किसी आतंकी संगठन से हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन अभी तक के अनुसंधान में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे यह पता चले कि इन युवकों के संबंध किस आतंकी संगठन से है. अधिकारी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ की भूमिका की बात सामने आयी है.
30 मार्च को 32 जगहों पर करने थे धमाके
सूत्रों के अनुसार कुंदन व अन्य गिरफ्तार आरोपी झारखंड से बम लेकर 30 मार्च को पटना पहुंचे और देर शाम शहर के विभिन्न 32 पॉश इलाकों में बड़े धमाके करने की योजना थी. इसके लिए झारखंड से भी एक व्यक्ति पटना आया था और वह इन लोगों को यह जानकारी दे रहा था कि बम को कैसे और कहां पर फिट करना है. बम की तकनीकी जानकारी देने के समय ही विस्फोट कर गया और सारी पोल खुल गयी. हालांकि यह भी माना जा रहा है कि पटना में अगर 32 जगहों पर बम विस्फोट की योजना थी तो और भी बम पटना में मौजूद हो सकते हैं.
सोनू, हेमंत और अशोक की तलाश
बम विस्फोट के मामले में फिलहाल दो सोनू, हेमंत व अशोक फिलहाल फरार हैं. तीनों हिलसा अनुमंडल के रहनेवाले हैं. इन दोनों को भी पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की. पर सफलता नहीं मिली. बताया जाता है कि सोनू भी उस समय फ्लैट में मौजूद था और विस्फोट होने के बाद न्यू बाइपास की ओर भागा था.
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