रांची : विशेष सीबीआई अदालत ने आज यहां 2012 राज्यसभा चुनावों में विधायकों की खरीदफरोख्त के मुख्य आरोपी आरके अग्रवाल की जमानत रद्द कर दी. सीबीआई की विशेष अदालत ने आर के अग्रवाल को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से नौ अप्रैल को मिली जमानत आज रद्द कर दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को विशेष अदालत में चुनौती दी थी.
इससे पूर्व, आरके अग्रवाल के वकीलों ने रास चुनावों में विधायकों की खरीदफरोख्त के मामले में पहले मजिस्ट्रेट के सामने अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की थी. यह अर्जी खारिज होने पर नियमित जमानत की याचिका लगायी थी, जिसके आधार पर उन्हें जमानत मिल गयी थी. गसीबीआई ने अदालत में कहा कि अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामला था और इस वजह से मजिस्ट्रेट को उन्हें जमानत देने का अधिकार ही नहीं था. इसी आधार पर विशेष अदालत ने अग्रवाल की जमानत आज रद्द कर दी. अदालत के आदेश के मद्देनजर मार्च 2012 में राज्य सभा चुनावों में अग्रवाल के रिश्तेदार की गाड़ी से मतदान के दिन नामकुम से सवा दो करोड़ रुपये बरामद होने के मामले में उनकी गिरफ्तारी की आशंका बलवती हो गयी है.
इससे पूर्व सोमवार को झारखंड उच्च न्यायालय में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने विधायकों की खरीदफरोख्त में शामिल लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पंद्रह दिनों का अतिरिक्त समय मांगा था. न्यायालय ने रास चुनावों में विधायकों की खरीदफरोख्त से जुड़े आरोपी आरके अग्रवाल को निचली अदालत से मिली जमानत के मामले में सभी कागजात नौ मई को पेश करने के निर्देश दिये थे. सीबीआई ने न्यायालय को बताया था कि अग्रवाल को मिली जमानत को रद्द करने के लिए उसने निचली अदालत में आवेदन लगा रखा है. लेकिन न्यायालय ने कहा था कि वह यह स्वयं देखना चाहता है कि आखिर किन परिस्थितियों में मामले के मुख्य आरोपी अग्रवाल को निचली अदालत से जमानत मिली.