रांची: सावन की अंतिम सोमवारी के दिन पहाड़ी मंदिर में बाबा के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. तड़के से ही मंदिर के समक्ष भक्तों की कतार लगी थी. सुबह 3.30 से ही बाबा का जलाभिषेक शुरू हुआ, जो देर शाम तक जारी रहा. मंदिर के पुजारी पंडित मनोज मिश्र, पंडित कबीर एवं पंडित सच्चिदानंद द्वारा दैनिक पूजा अर्चना के बाद 3.30 बजे मुख्य मंदिर का द्वार आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. मंदिर समिति ने दावा किया कि अंतिम सोमवार के दिन एक लाख से ज्यादा भक्तों ने पहाड़ी बाबा का जलाभिषेक किया. भक्तों ने बाबा को जल, दूध, भांग, बेलपत्र, मेवा, बेल, धतूरा अर्पित कर पूजा अर्चना की. रविवार की रात से ही स्वर्णरेखा नदी से जल लेकर आये भक्त पहाड़ी मंदिर के बाहर एकत्र होने लगे थे. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी थी.
बोल बम व जय पहाड़ी बाबा की गूंज : जय भोले, बोल बम, जय पहाड़ी बाबा का जयकारा लगाते हुए मुख्य मंदिर की ओर जा रहे थे. अलग-अलग टोलियों में भक्त नाचते-गाते सीढ़ियां चढ़ रहे थे. महिला व पुरुषों के जलाभिषेक के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी थी. शाम साढ़े पांच बजे तक बाबा का जलाभिषेक किया गया. उसके बाद शिव भक्तों द्वारा बाबा का भव्य श्रंगार किया गया. सुबह पांच से सात बजे तक रही सबसे ज्यादा भीड़ : पहाड़ी मंदिर परिसर में सुबह पांच से सात बजे तक सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ देखी गयी. पुजारी सच्चिदानंद ने बताया कि सुबह दो घंटे मंदिर में पैर रखने के लिए जगह नहीं थी. इनमें महिला भक्तों की भीड़ अधिक थी.
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता : अंतिम सोमवारी में भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये थे. पुलिसकर्मी के साथ-साथ एनसीसी कैडेट एवं स्वयंसेवी संस्था के सदस्य भी व्यवस्था में मदद कर रहे थे. अन्य शिवालयों में भी हुआ जलाभिषेक : शहर के अन्य शिवालयों में भी सुबह से बाबा के जलाभिषेक के लिए भक्तों की कतार लगी हुई थी. कोकर शिव मंदिर, डोरंडा शिव मंदिर, हरमू शिव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी सुबह से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.