रांची: जिला परिवहन कार्यालय की स्थिति अजीब-ओ-गरीब है. यहां हर कार्य के लिए सरकारी फीस के अलावा बाबूओं का अपना रेट तय है. यहां बिना चढ़ावे के कोई काम नहीं होता. हर काम के लिए निर्धारित दर से अधिक पैसे देने पड़ते हैं. 140 रुपये के लर्निग लाइसेंस के लिए लोगों से 250 रुपये तक वसूले जाते हैं. अतिरिक्त राशि नहीं देने पर इतना दौड़ाया जाता है कि आप मजबूर हो जाते हैं. पदस्थापित अधिकारी काम नहीं करने के बहाने दूसरे बताते हैं. उनका तर्क होता है कि ऑफिस में कर्मचारियों की कमी है.
कार्यालय में 24 कर्मचारी
डीटीओ कार्यालय में 24 कर्मचारी हैं. इनमें से तीन कर्मचारी राज्य परिवहन विभाग के हैं. इसके अलावा कांट्रैक्ट पर डीटीओ द्वारा कर्मचारी हमेशा से बहाल किये जाते रहे हैं. अभी 13 कर्मचारी ठेके पर डीटीओ कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं. इसके अलावा निगम के आठ कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर हैं. जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों की संख्या पर और इजाफा किया जा सकता है.
20 का लगता है 1500
परिवहन कार्यालय में बस का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की निर्धारित राशि 20 रुपये है. इसके एवज में 1500 रुपये तक वसूले जाते हैं. स्कूटर और मोटरसाइकिल के नाम ट्रांसफर के लिए 300 रुपये तक वसूले जाते हैं. इसके लिए निर्धारित राशि 30 रुपये है. कईमंचों से इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों को भी की गयी है. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
दलालों की चांदी
कार्यालय की स्थिति देख दलालों की चांदी हो गयी है. फिर से डीटीओ कार्यालय दलालों की गिरफ्त में है. जो स्थिति है, उससे लोग मजबूर होकर दलालों को पकड़ रहे हैं.
रोज होता था 150 से 200 निबंधनकर्मचारियों का कहना है कि यहां प्रतिदिन 150 से 200 नये वाहनों का निबंधन होता था. इसके अलावा पुराने वाहनों का लाइसेंस नवीकरण व लर्निग लाइसेंस भी बनते थे.