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दवाओं की कमी हुई, तो सीएस जिम्मेवार

विभागीय समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा पू सिंहभूम के सिविल सजर्न को शो कॉज रांची : स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा है कि किसी अस्पताल में दवाओं की कमी हुई, तो संबंधित सिविल सजर्न जिम्मेवार होंगे. उन्होंने सभी सिविल सजर्नों को निर्देश दिया की उपलब्ध राशि से आवश्यक दवाओं की […]

विभागीय समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा
पू सिंहभूम के सिविल सजर्न को शो कॉज
रांची : स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा है कि किसी अस्पताल में दवाओं की कमी हुई, तो संबंधित सिविल सजर्न जिम्मेवार होंगे. उन्होंने सभी सिविल सजर्नों को निर्देश दिया की उपलब्ध राशि से आवश्यक दवाओं की खरीद को प्राथमिकता दें. सचिव शनिवार को आइपीएच सभागार, नामकुम में विभागीय समीक्षा कर रहे थे.
दवाओं की कमी होने पर सचिव ने सिविल सजर्नों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की बात कही है. बैठक में 11 विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा हुई. सचिव ने सभी सिविल सजर्नों को निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध रहना आवश्यक है. सिविल सजर्नों से कहा गया कि वे पहले एक डॉक्टर हैं, इसके बाद सिविल सजर्न. इसलिए मानवता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं में अपना पूर्ण योगदान दें.
सिविल सजर्नों से कहा गया है कि वे अपने जिले में उपलब्ध दवाओं का पूर्ण ब्योरा 15 दिनों के अंदर विभाग को दें. सचिव ने इस बात पर हैरानी जतायी कि मुफ्त मिलने वाली दवाएं भी मरीजों को नहीं मिल रही है. उन्हें बाजार से खरीदनी पड़ रही है. सिविल सजर्नों को हर हाल में मुफ्त दवाएं देना सुनिश्चित करने को कहा गया है. इसी संदर्भ में पूर्वी सिंहभूम की सिविल सजर्न डॉ विभा शरण को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश सचिव ने अभियान निदेशक को दिया है. डॉ शरण ने दिसंबर में राशि उपलब्ध हो जाने के बाद भी अब तक दवा नहीं खरीदी है.
रिपोर्ट की सत्यता की जांच करें
सचिव ने निर्देश दिया है कि हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम (एचएमआइएस) रिपोर्ट की सत्यता की भी जांच की जाये. पदाधिकारी जांच रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजें. समीक्षा के दौरान अस्पतालों में साफ-सफाई का भी मुद्दा उठा. इस पर सचिव ने कहा कि भ्रमण के दौरान कहीं गंदगी मिली, तो सिविल सजर्न पर कार्रवाई होगी. विभिन्न सिविल सजर्नों ने इस संबंध में की गयी कार्रवाई से सचिव को अवगत कराया.
स्वास्थ्य कर्मियों के रिश्तेदारों का है ममता वाहन
डॉ एके चौधरी ने बताया कि जिलों में चल रहे ममता वाहन में ज्यादातर विभिन्न स्वास्थ्य कर्मियों के रिश्तेदारों के हैं. इन्हीं वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. डॉ चौधरी ने इसकी जांच कराने को कहा. मामले पर सख्ती बरतते हुए स्वास्थ्य सचिव ने इसकी निगरानी जांच कराने की बात कही है. इससे पहले सिविल सजर्नों को जांच कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है. समीक्षा बैठक में एमडी एनआरएचएम आशिष सिंहमार, निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ सुमंत मिश्र, संयुक्त सचिव बी के मिश्र, उप सचिव रामकुमार सिन्हा, निदेशक डॉ रमेश, उपनिदेशक डॉ तुनुल हेमरोम, डॉ अजीत कुमार प्रसाद, अपर निदेशक डॉ एमएन लाल सहित सभी जिले के सिविल सजर्न तथा एनएचएम झारखंड के कंसलटेंट उपस्थित थे.

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