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हाइकोर्ट का फैसला : बालू घाटों का ठेका रद्द करने का आदेश निरस्त

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रांची के बालू घाटों की बंदोबस्ती रद्द करने संबंधी प्रशासन के आदेश को निरस्त कर दिया है. हाइकोर्ट के जस्टिस पीपी भट्ट की अदालत ने बंदोबस्ती रद्द करने संबंधी आदेश को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत करार दिया है. कहा कि बिना पक्ष सुने बंदोबस्ती रद्द की गयी है, […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रांची के बालू घाटों की बंदोबस्ती रद्द करने संबंधी प्रशासन के आदेश को निरस्त कर दिया है. हाइकोर्ट के जस्टिस पीपी भट्ट की अदालत ने बंदोबस्ती रद्द करने संबंधी आदेश को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत करार दिया है. कहा कि बिना पक्ष सुने बंदोबस्ती रद्द की गयी है, जिससे स्थापित न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन होता है.
राज्य सरकार ने 27 जनवरी को रांची में महाबीर इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ की गयी रांची के 10 बालू घाटों की बंदोबस्ती रद्द कर दी थी. रांची के तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे ने इससे संबंधित चार अलग-अलग आदेश जारी किये थे. इसके खिलाफ हाइकोर्ट में याचिकाएं दायर की गयी थी.
हाइकोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई के बाद कहा कि प्रार्थी चाहें, तो 13 मार्च तक अपनी बात उपायुक्त के समक्ष रख सकते हैं. उपायुक्त उस पर निर्णय लेंगे.
याचिकाकर्ताओं का पक्ष
प्रार्थी महावीर इंफ्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से अदालत को बताया गया कि रांची के तत्कालीन उपायुक्त ने 23 जनवरी को नोटिस जारी कर 72 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था. 24, 25 व 26 जनवरी को अवकाश रहने के कारण 27 जनवरी को जवाब दिया गया. लेकिन इससे पहले ही बंदोबस्ती रद्द कर दी गयी. प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है.
सरकार का पक्ष
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत में कहा कि पक्ष रखने के लिए प्रार्थी को पर्याप्त अवसर दिया गया. शर्तो का उल्लंघन करने के कारण बंदोबस्ती रद्द की गयी थी.
क्या है मामला
पिछली सरकार ने रांची में महाबीर इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ रांची के 10 बालू घाटों की बंदोबस्ती की थी. अनुमंडल अधिकारी और खान अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद के बाद रांची के तत्कालीन उपायुक्त ने इन घाटों की बंदोबस्ती रद्द करने संबंधी चार अलग-अलग आदेश जारी किये किये थे. जांच रिपोर्ट में कंपनी पर अनियमितता के आरोप लगाये गये थे. जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 72 घंटे में जवाब देने को कहा गया था. खूंटी में भी द मिल्स स्टोर मुंबई को मिले आठ और मेरेडियन रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को मिले 11 बालू घाटों की बंदोबस्ती रद्द कर दी गयी थी.

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