रांची: राज्य में इस वर्ष कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए 40 लाख सेट किताबों की छपाई होगी. जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा भेजी गयी अद्यतन रिपोर्ट के बाद पांच लाख सेट कम किताबों की छपाई होगी. जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा पूर्व में भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर 45 लाख सेट किताब छापने का निर्णय लिया गया था. मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव व झारखंड शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी ने विभिन्न जिलों का दौरा किया. जिसमें काफी संख्या में गत वर्ष की किताबें अवितरित पायी गयीं.
इसके बाद झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिख कर गत वर्ष की अवितरित किताब व बच्चों की संख्या की फिर से रिपोर्ट देने को कहा. इसके बाद तेजी से काम करते हुए नये सिरे से रिपोर्ट तैयार की गयी. जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट में लगभग पांच लाख सेट किताबें कम हो गयीं. किताबों की संख्या में कमी के बाद लागत में भी लगभग दस करोड़ रुपये की कमी होने की संभावना है. वर्तमान में किताब छपाई पर लगभग 82 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था, जो अब घटकर लगभग 70 करोड़ हो जायेगा.
2010 के बाद सबसे कम किताबें छपेंगी
वर्ष 2010 के बाद शैक्षणिक सत्र 2015-16 में सबसे कम सेट किताबों की छपाई होगी. वर्ष 2010-11 में 44 लाख सेट किताबों की छपाई हुई थी. 2011-12 व 2012-13 में 45 लाख सेट किताबें छपी थीं. वर्ष 2013-14 में किताब की संख्या बढ़कर 55 लाख सेट हो गयीं. वर्ष 2014-15 में 48 लाख सेट किताबों की छपाई हुई. इस वर्ष लगभग 40 लाख सेट किताबों की छपाई होगी. सबसे ज्यादा किताबों की छपाई 2013-14 में हुई थी.