सेविकाओं को प्रति माह 20 हजार रुपये और सहायिकाओं को 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाये. प्रदेश महामंत्री पारस नाथ ओझा ने कहा कि राज्य में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका विभिन्न संगठनों में बंटी हैं. इससे उन्हें समुचित लाभ नहीं मिल रहा है.
केंद्र के संचालन में लगी सहायिका, सेविका की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता. उनके लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने से लेकर अन्य सुविधाएं देने की घोषणा भी की जाये. संगठन मंत्री रामचंद्र गोप ने कहा कि पोषाहार कार्यक्रम में पूर्व की सरकार ने कमीशन लेकर तीन कंपनियों को कार्यादेश दिया है.
ओड़िशा से आयी अंजली पटेल ने कहा कि ओड़िशा में केंद्र में कार्यरत सेविका, सहायिका को कई सरकारी सुविधाएं मिल रही हैं. संयुक्त महामंत्री शीला पांडेय ने कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते सेविका, सहायिका को काफी दिक्कतें हो रही हैं. कार्यकारी अध्यक्ष फुलमती देवी ने कहा कि सेविका, सहायिका को समय पर न तो मानदेय मिलता है और न ही पोषाहार वितरण की राशि. ममता मासूम ने कहा कि रेडी टू इट पोषाहार कार्यक्रम बेकार है. इसे समाप्त किया जाना चाहिए. सभा को आदित्य साहू, अनुराधा शर्मा, बिंदु रानी, रूमा बनर्जी, कुमूद देवी, कमला देवी, लक्ष्मी देवी, अविनासी, विलासी सोरेन, ग्रेस होरो और अन्य ने संबोधित किया.