बर्लिन. जर्मनी निवासी भारतीय मूल के युवा वैज्ञानिक को मल्टीपल सिलेरोसिस जैसी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की स्व-प्रतिरक्षावाली बीमारियों में आंतों में रहनेवाले जीवाणुओं की भूमिका पर अनुसंधान करने के लिए 15 लाख यूरो का अनुदान प्रदान किया गया है. स्टार्टिंग ग्रांट्स ऑफ द यूरोपियन रिसर्च काउंसिल (इआरसी) प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को उनके सबसे अधिक रचनात्मक विचारों पर अनुसंधान करने की आजादी देने की दिशा में काम करना चाहता है. मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोबायोलॉजी के जी कृष्णमूर्ति इस साल के सफल आवेदकों में से एक हैं. उन्हें 15 लाख यूरो की राशि पांच साल की अवधि तक मिलेगी. वह संस्थान मंे एक स्वतंत्र अनुसंधान समूह बनायेंगे.
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भारतीय वैज्ञानिक को 15 लाख यूरो का अनुदान
बर्लिन. जर्मनी निवासी भारतीय मूल के युवा वैज्ञानिक को मल्टीपल सिलेरोसिस जैसी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की स्व-प्रतिरक्षावाली बीमारियों में आंतों में रहनेवाले जीवाणुओं की भूमिका पर अनुसंधान करने के लिए 15 लाख यूरो का अनुदान प्रदान किया गया है. स्टार्टिंग ग्रांट्स ऑफ द यूरोपियन रिसर्च काउंसिल (इआरसी) प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को उनके सबसे अधिक रचनात्मक […]
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