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आदेश पर बरतें गंभीरता
रांची : हाइकोर्ट में सोमवार को पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए उप-सचिव की ओर से दायर शपथ पत्र पर असंतोष प्रकट किया. कहा कि उप-सचिव का शपथ पत्र कोर्ट के 21 […]
रांची : हाइकोर्ट में सोमवार को पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए उप-सचिव की ओर से दायर शपथ पत्र पर असंतोष प्रकट किया.
कहा कि उप-सचिव का शपथ पत्र कोर्ट के 21 जनवरी के आदेश के अनुसार नहीं है. कितना पैसा खर्च किया गया, किन योजनाओं पर खर्च किया गया है, यह शपथ पत्र में स्पष्ट नहीं है. अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी प्रकट करते हुए खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा: दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अधिकारी आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
आदेश का अनुपालन नहीं कर रहे हैं. पर्यटन स्थलों के विकास के लिए वर्षो से काम चल रहा है. कार्य की प्रगति अत्यंत धीमी है. ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी कागजी कार्रवाई कर रहे हैं. खंडपीठ ने पर्यटन सचिव और आइटीडीसी को विस्तृत अद्यतन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. किस योजना को कितनी राशि दी गयी, कितना खर्च किया गया, कौन-कौन सी योजना पर काम चल रहा है व उसकी क्या स्थिति है, कितनी योजनाएं पूरी हो गयी, जिन पर्यटन स्थलों पर विकास कार्य पूरा हो गया है, वहां की देखरेख के लिए क्या कदम उठाये गये हैं आदि से संबंधित जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने को कहा. इसके लिए खंडपीठ ने चार सप्ताह का समय दिया. साथ ही मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
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