रांची: अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की बैठक में सदस्यों ने प्रस्तावित मास्टर प्लान के प्रारूप का विरोध किया. कहा कि 2037 को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा मास्टर प्लान आदिवासियों को उजाड़ने की योजना का प्रारूप है.
ग्रामीण क्षेत्रों को ग्राम पंचायतों से स्वीकृति लेने के बाद ही नगर निगम क्षेत्र में शामिल करना चाहिए. आदिवासियों की धार्मिक जमीन को चिह्न्ति कर उसकी चहारदीवारी को सुरक्षित करने के बाद ही मास्टर प्लान बनाने के बारे में विचार करना चाहिए.
नगर निगम अधिनियम को पेसा कानून के तहत ही बनाया जाना चाहिए. बैठक में सदस्यों ने मास्टर प्लान हिंदी में प्रकाशित करने की मांग की. बैठक की अध्यक्षता पूर्व आइएएस अधिकारी विनोद किस्पोट्टा ने की. इस अवसर पर विधायक गीताश्री उरांव, पीयूष अमृत बेक, सीताराम भगत, रश्मि कात्यायन, रामकृष्ण तिवारी, बंदी उरांव, डॉ बिरसा उरांव व शशिकांत तिर्की समेत अन्य मौजूद थे.