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केसी सिंह के खिलाफ आठ माह में भी जांच पूरी नहीं
रांची: सरकार ने चर्चित इंजीनियर केसी सिंह के खिलाफ 35 दिन में निगरानी जांच (प्रारंभिक) पूरी करने का आदेश दिया था, पर आठ महीने बाद भी निगरानी इस इंजीनियर के खिलाफ जांच पूरी नहीं कर सका है.आयकर विभाग की ओर से की गयी छापेमारी में केसी सिंह के ठिकानों से करीब 10 करोड़ रुपये की […]
रांची: सरकार ने चर्चित इंजीनियर केसी सिंह के खिलाफ 35 दिन में निगरानी जांच (प्रारंभिक) पूरी करने का आदेश दिया था, पर आठ महीने बाद भी निगरानी इस इंजीनियर के खिलाफ जांच पूरी नहीं कर सका है.आयकर विभाग की ओर से की गयी छापेमारी में केसी सिंह के ठिकानों से करीब 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति बरामद होने के बाद सरकार ने निगरानी जांच का आदेश दिया था. सरकार के निर्देश पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने निगरानी को इससे संबंधित पत्र भेजा था.
आयकर विभाग ने आठ मई 2014 जमीन कारोबारी और रांची के जिला अभियंता केसी सिंह के ठिकानों पर छापा मारा था. केसी सिंह के रांची और पटना स्थित ठिकानों पर की गयी छापेमारी के दौरान करीब 30 लाख रुपये नकद जब्त किये गये थे. छापेमारी में जब्त किये गये दस्तावेज की जांच में यह पाया गया था कि जमीन कारोबारी कमल भूषण ने दलादली स्थित जमीन केसी सिंह के पिता को गिफ्ट में दी थी. इस जमीन की कीमत करीब चार करोड़ रुपये आंकी गयी है.
पूछताछ में इंजीनियर केसी सिंह और पिता यह नहीं बता सके थे कि जमीन कारोबारी ने किस वजह से उन्हें जमीन गिफ्ट में दी थी. जमीन कारोबारी कमल भूषण भी केसी सिंह के पिता को गिफ्ट में जमीन दिये जाने का संतोषप्रद कारण नहीं बता सके थे. इस वजह से यह माना गया था कि आयकर की नजर से बचने के लिए जमीन की खरीद दिखाने के बदले उसे गिफ्ट दिखाया गया था. छापेमारी के दौरान केसी सिंह के रांची और पटना स्थित ठिकानों से करीब आठ करोड़ रुपये के विभिन्न प्रकार के निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये थे.
छापेमारी में जब्त दस्तावेज के आधार पर हुई पूछताछ में केसी सिंह ने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम करीब 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति होने की बात स्वीकार की थी. इस इंजीनियर के ठिकानों से मिली नकद राशि और गिफ्ट में जमीन लेने की घटना को देखते हुए सरकार ने इसे गंभीरता से लिया था. मुख्य सचिव ने निगरानी को पत्र लिख कर 35 दिनों में प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. इस निर्देश के आलोक में निगरानी ने 12 मई 2014 को प्रारंभिक जांच शुरू की. आयकर विभाग ने भी निगरानी और सरकार को केसी सिंह के ठिकानों से मिली संपत्ति का ब्योरा भेजा था. पर, निगरानी ने अब तक प्रारंभिक जांच को ही लटकाये रखा है. आयकर छापेमारी से पहले भी निगरानी को केसी सिंह द्वारा नाजायज तरीके से पैसा कमाने और संपत्ति जमा करने की शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी निगरानी को सौंपे थे. पर, निगरानी ने जांच के बाद केसी सिंह को क्लीन चिट दे दी थी.
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