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रिम्स : दंडाधिकारी की उपस्थिति में लॉटरी से बांटे गये कमरे
रांची : रिम्स के पीजी छात्रों को रविवार को लॉटरी के माध्यम से कमरा आवंटित किया गया. निदेशक कार्यालय के सामने स्थित कॉरिडोर में दंडाधिकारी संजीव कुमार के सामने लॉटरी निकाली गयी. छात्रों ने स्वयं लॉटरी निकाल कर कमरा आवंटित कराया. जिसने लॉटरी निकाली, उसका लिस्ट से मिलान किया गया. मिलान होने पर ही कमरा […]
रांची : रिम्स के पीजी छात्रों को रविवार को लॉटरी के माध्यम से कमरा आवंटित किया गया. निदेशक कार्यालय के सामने स्थित कॉरिडोर में दंडाधिकारी संजीव कुमार के सामने लॉटरी निकाली गयी. छात्रों ने स्वयं लॉटरी निकाल कर कमरा आवंटित कराया. जिसने लॉटरी निकाली, उसका लिस्ट से मिलान किया गया. मिलान होने पर ही कमरा दिया गया.
रविवार को कुल 169 पीजी चिकित्सकों को कमरा आवंटित किया गया. इन छात्रों को हॉस्टल संख्या पांच, छह एवं सात में कमरा आवंटित किया गया. लॉटरी निकालने के लिए कॉरिडोर में पीजी छात्रों की भीड़ सुबह से ही लगी हुई थी, लेकिन लॉटरी का कार्य 11.45 बजे से शुरू हुआ. दंडाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वैसे छात्रों को कमरा आवंटित नहीं किया जायेगा, जिनका लिस्ट में नाम नहीं है एवं जिन्हें रिम्स से पैसा नहीं मिलता है.
हाउस सजर्न व इंटर्न की लॉटरी आज
पीजी छात्रों को कमरा आवंटित करने के बाद सोमवार को हाउस सजर्न एवं इंटर्न को कमरा आवंटित किया जायेगा. कमरे का आवंटन लॉटरी के माध्यम से ही होगा. हाउस सजर्न और इंटर्न को भी हॉस्टल संख्या पांच, छह एवं सात में कमरा आवंटित करने का निर्णय लिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक रिम्स में इंटर्न के 90 सीट एवं हाउस सजर्न की 75 सीटें हैं. इन्हीं सीटों के आधार पर कमरों का आवंटन किया जायेगा.
हॉस्टल एक से चार मेंएमबीबीएस के छात्र
हॉस्टल एक से चार में एमबीबीएस के छात्रों को कमरा आवंटित किया जायेगा. हॉस्टल एक में प्रथम वर्ष, हॉस्टल दो में द्वितीय वर्ष, हॉस्टल तृतीय में तीसरे वर्ष एवं हॉस्टल चार में अंतिम वर्ष के छात्र रहेंगे. प्रशासन एवं प्रबंधन का मानना है कि एक जगह एक ही साल के छात्रों के रहने से आपसी समरसता रहेगी.
सख्ती देख धड़ाधड़ खाली हुए कमरे
प्रशासन की सख्ती को देख हॉस्टल के कमरा में कब्जा जमाये कई सीनियर छात्रों ने कमरा खाली कराया. सूत्रों की मानें, तो सीनियर हॉस्टल तो छोड़ गये थे, लेकिन कमरे में उनका कब्जा था. कमरा में सामान था. कई विद्यार्थी केयर टेकर के रूप में रह रहे थे.
..तो दर्ज होगा आपराधिक मामला
दंडाधिकारी ने छात्रों से स्पष्ट कहा कि लॉटरी के माध्यम से कमरा आवंटित किया जा रहा है. जिस हॉस्टल में कमरा खाली रह जायेगा, उसमें प्रशासन अपना ताला लगायेगा. अगर ताला तोड़ कर कोई छात्र उसमें रहेगा, तो उस पर आपराधिक मामला दर्ज होगा. अगर रिम्स प्रबंधन को लगता है कि विद्यार्थी को कमरा दिया जाना जरूरी है, तो प्रशासन के आग्रह करने पर कमरा आवंटित किया जायेगा.
लिस्ट में नाम नहीं, तो किराये में रहें
प्रशासन द्वारा छात्रों को यह भी स्पष्ट किया गया कि जिसका लिस्ट में नाम नहीं है वह स्वेच्छा से बाहर कमरा लेकर रहें. वर्तमान समय में दोस्ती-यारी में कई मेडिकल छात्र अनधिकृत रूप से कमरे में रह रहे थे. आवंटन नहीं होने से प्रबंधन को भी घाटा होता था. इसके अलावा यह भी जानकारी नहीं होती थी कि हॉस्टल में कौन रह रहा है? यह भी कहा गया कि जिसको कमरा मिलेगा, उसको एचआरए नहीं दिया जायेगा. इस पर विद्यार्थियों ने कहा कि हम रेंट देते हैं, मेंटेनेंस चार्ज देते हैं. ऐसे में एचआरए क्यों नहीं मिलेगा?
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