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बिल्डरों और खदान मालिकों का चरागाह बना गया राज्य: उमा भारती

रांची: केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि झारखंड शुरू से ही बिल्डर और खदान मालिक का चरागाह रहा है. उन्होंने ही झारखंड का शोषण और दोहन भी किया है. झारखंड के लोग गरीब के गरीब ही रहे गये, पर अब झारखंड का भाग्य खुलेगा. प्रधानमंत्री गरीबों के प्रति संवेदनशील हैं. उन्होंने रघुवर […]

रांची: केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि झारखंड शुरू से ही बिल्डर और खदान मालिक का चरागाह रहा है. उन्होंने ही झारखंड का शोषण और दोहन भी किया है. झारखंड के लोग गरीब के गरीब ही रहे गये, पर अब झारखंड का भाग्य खुलेगा. प्रधानमंत्री गरीबों के प्रति संवेदनशील हैं.
उन्होंने रघुवर दास को यहां मुख्यमंत्री बनाया है. मुख्यमंत्री भी संवेदनशील हैं. इसलिए अब झारखंड का दोहन नहीं होगा, अब इसका विकास होगा. उस विकास में सिंचाई विभाग की तरफ से जितने सहयोहग की जरूरत होगी, वह करेगा. सुश्री भारती यह बात सुवर्णरेखा प्रोजेक्ट जमीन पर बिल्डरों के कब्जे के सवाल पर कही. मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके संज्ञान में ये बातें हैं. सबकी समीक्षा की जायेगी. सुवर्णरेखा निगम के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में प्रस्ताव बना था, उसकी समीक्षा की जायेगी और निगम के बाबत निर्णय लिया जायेगा. वहीं, चुटकी लेते हुए सुश्री भारती ने कहा कि यहां निगम बना है या नहीं, पर उनका रघुवर जी के साथ निगम बन चुका है, झारखंड के विकास के लिए.
गंगा एक्शन प्लान क्षेत्र के सिर्फ नौ फीसदी घरों में शौचालय
गंगा एक्शन प्लान क्षेत्र में पड़नेवाले औसतन नौ प्रतिशत घरों में ही शौचालय की सुविधा है. इस दायरे में आनेवाले साहेबगंज और राजमहल जिले से प्रति दिन कुल 32.55 मिट्रिक टन कचरा निकलता है. एक्शन प्लान के अधीन पड़नेवाले क्षेत्र में संचालित की जानेवाली योजनाओं की अनुमानित लागत करीब 170.52 करोड़ रुपये है. केंद्रीय मंत्री उमा भारती को सरकार द्वारा पावर प्वांट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इन तथ्यों की जानकारी दी गयी. उन्हें इस बात की जानकारी दी गयी कि गंगा एक्शन प्लान के तहत स्वच्छता मिशन के अधीन चार प्रखंड आते हैं. इनमें राजमहल, तालझारी, उधवा और साहेबगंज प्रखंड शामिल हैं. इन चार प्रखंडों में कुल 32 पंचायत और 74 गांव हैं. इस क्षेत्र की कुल आबादी 199916 है. इन 32 पंचायतों में कुल 39674 मकान हैं, इनमें से सिर्फ 3824 मकानों में ही शौचालय हैं, जो कुल मकानों का सिर्फ नौ प्रतिशत है. राजमहल प्रखंड के अधीन पड़नेवाले गांवों में सबसे अधिक 23 प्रतिशत घरों में शौचालय है. साहेबगंज प्रखंड के गांवों के सिर्फ पांच प्रतिशत घरों में ही शौचालय की सुविधा है. साहेबगंज जिले से प्रति दिन 26.49 मिट्रिक टन और राजमहल से 6.15 मिट्रिक टन कचरा निकलता है.

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