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राज्य में एक ही सेवा संवर्ग के अधिकारी, पर अलग-अलग आदेश से मिल रहा वेतन भत्ता

रांची: राज्य में एक ही सेवा संवर्ग के अधिकारियों को अलग अलग आदेश से वेतन भत्ता मिल रहा है. जिला योजना पदाधिकारियों को योजना विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में वेतन भत्ता और ग्रेड-पे मिल रहा है. जबकि सहायक योजना पदाधिकारियों को वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में वेतन भत्ता और ग्रेड-पे […]

रांची: राज्य में एक ही सेवा संवर्ग के अधिकारियों को अलग अलग आदेश से वेतन भत्ता मिल रहा है. जिला योजना पदाधिकारियों को योजना विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में वेतन भत्ता और ग्रेड-पे मिल रहा है. जबकि सहायक योजना पदाधिकारियों को वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में वेतन भत्ता और ग्रेड-पे मिल रहा है.
राज्य कार्यपालिका नियमावली के प्रावधानों के तहतकिसी भी सेवा या संवर्ग के वेतन भत्ता के मामले में वित्त विभाग ही सक्षम प्राधिकार है. साथ ही किसी भी सेवा संवर्ग के गठन की तिथि से ही उस सेवा संवर्ग के अधिकारियों या कर्मचारियों के लिए निर्धारित वेतन मान और ग्रेड-पे प्रभावी माना जाता है. इस मूल नियम के विपरीत योजना सेवा के मामले में वेतन भत्ता और ग्रेड-पे का अलग-अलग आदेश है.

सरकार ने जिला योजना सेवा के गठन के लिए 17.3.2012 को आदेश जारी किया था. इस आदेश से 6600 रुपये के ग्रेड-पे में जिला योजना पदाधिकारियों का 24 पद और 4800 ग्रेड-पे में सहायक योजना पदाधिकारियों का 48 पद सृजित किया था. इस आदेश के आलोक में पूर्व से कार्यरत अधिकारियों की सवा समायोजित की गयी. इसके बाद मंत्रिपरिषद के एक फैसले के आलोक में योजना विकास विभाग ने एक आदेश जारी किया. इसमें जिला योजना पदाधिकारियों के लिए लिए निर्धारित वेतनमान( 15600-39000 और ग्रेड-पे 6600) और सहायक जिला योजना पदाधिकारियों के लिए निर्धारित वेतनमान ( 9300-3800 और ग्रेड-पे 4800 रुपये)का लाभ जनवरी 2006 से देने का आदेश जारी किया.

विभाग के इस आदेश के आलोक में जिला योजना पदाधिकारियों को वेतनमान का लाभ योजना सेवा के गठन के पहले से(जनवरी 2006) से मिल रहा है. ुवहीं सहायक योजना पदाधिकारियों को वेतनमान का लाभ योजना सेवा के गठन ( मार्च 2012) की तिथि से ही मिल रहा है. सहायक जिला योजना पदाधिकारियों ने इस वेतन विसंगति को दूर करने के लिए कई बार वित्त विभाग को लिखा. पर, अब तक इसे दूर नहीं किया जा सका है.

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