रांची: जल संसाधन विभाग ने भैरव व केसो जलाशय परियोजना का कार्य कर रहे ठेकेदार को 1.08 करोड़ रुपये का भुगतान अवैध रूप से कर दिया है. हजारीबाग व बरही में 9073 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई सुविधा देने के लिए दोनों योजनाएं क्रमश: 1987 व 1990 में शुरू की गयी थीं. तत्कालीन बिहार में आंशिक कार्य होने के बाद परियोजना का कार्य बंद हो गया था. झारखंड गठन के बाद जुलाई 2005 में भैरव व मार्च 2007 में केसो परियोजना का काम टर्न-की बेसिस पर पुन: शुरू हुआ. दोनों परियोजनाओं को 122.67 करोड़ रुपये के खर्च पर 30 माह के अंदर पूरा किया जाना था.
अनुबंध के अनुसार, परियोजनाओं का शेष कार्य बिहार सरकार द्वारा तय डिजाइन व आलेखों के अनुसार किया जाना था, लेकिन ठेकेदार ने अपनी ओर से संरचना व आलेख प्रस्तुत किये, जिसे विभाग के कार्यपालक अभियंता ने अनुमोदित कर 1.08 करोड़ रुपये का भुगतान (मई 2008 व अक्तूबर 2009 को) कर दिया. यह अनुबंध की धाराओं के खिलाफ था.
इस संबंध में एजी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है कि जल संसाधन अंचल, हजारीबाग के अधीक्षण अभियंता ने केसो परियोजना के संबंध में कार्यपालक अभियंता, बरही प्रमंडल को निर्देश (जनवरी 08) दिया था कि कार्य पूर्व में अनुमोदित नक्शा के हिसाब से होना है तथा इसमें कोई विचलन स्वीकार नहीं किया जायेगा.
इधर, विभाग के मुख्य अभियंता ने भी अधीक्षण अभियंता, हजारीबाग को निर्देश (मार्च 08) दिया कि ठेकेदार से लिखित सहमति ली जाये कि कार्य पूर्व डिजाइन के अनुसार हो रहा है, पर यह निर्देश बेमानी रहा व ठेकेदार को अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया. दोनों जलाशय अब तक अपूर्ण हैं.