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जांच के लिए बीपीएल को भी खरीदनी पड़ रही है दवा
रांची: राज्य के सबसे बड़े संस्थान रिम्स में गरीब मरीजों (बीपीएल) को जांच के लिए महंगी दवा खरीदनी पड़ रही है. सिटी स्कैन एवं एमआरआइ की जांच के लिए बीपीएल मरीजों को सरकार द्वारा मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है, इसके बावजूद मरीजों को जांच के लिए दवाएं खरीदनी पड़ती हैं. दूर दराज से आये […]
रांची: राज्य के सबसे बड़े संस्थान रिम्स में गरीब मरीजों (बीपीएल) को जांच के लिए महंगी दवा खरीदनी पड़ रही है. सिटी स्कैन एवं एमआरआइ की जांच के लिए बीपीएल मरीजों को सरकार द्वारा मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है, इसके बावजूद मरीजों को जांच के लिए दवाएं खरीदनी पड़ती हैं. दूर दराज से आये गरीब मरीजों के पास जांच के लिए पैसे नहीं होते हैं, लेकिन वह किसी तरह इंतजाम कर जांच कराते हैं.
ये दवा खरीदनी पड़ती है
सिटी स्कै न में कांट्रास्ट जांच के लिए 523 रुपये एवं 700 रुपये की दवा खरीदनी पड़ रही है. वहीं एमआरआइ में कंट्रास्ट जांच के लिए उपयोग होनेवाली दवा मैगनाबिस्ट का उपयोग किया जाता है. बाजार में इसकी कीमत करीब 1700 रुपये से ज्यादा है.
50 दवाएं आयीं, उपलब्ध हुए 12 मरीजों को
एमआरआइ जांच के लिए रिम्स प्रबंधन मैगनाबिस्ट दवा बीपीएल मरीजों की जांच के लिए मंगाता है. सूत्रों की मानें, तो रिम्स प्रबंधन द्वारा 50 दवाएं मंगायी गयीं, लेकिन एक दर्जन बीपीएल मरीजों को ही दवा उपलब्ध करायी गयी.
बीपीएल में जो जरूरतमंद होते हैं, उनको दवा दी जाती है. इसके अलावा विभागाध्यक्ष की तरफ से जो निर्देश मिलता है, उसी के हिसाब से दवाएं दी जाती हैं.
डॉ एसके चौधरी, निदेशक रिम्स
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