रांची/ रायपुर : देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोड रिक्वायरमेंट प्लान (आरआरपी) के माध्यम से 7,294 किमी सड़कें और 48 नये पुलों का निर्माण होगा. इसकी लागत करीब 10 हजार सात सौ करोड़ होगी. रायपुर में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और लोक निर्माण विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग विकास मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी. सड़कों और पुलों का निर्माण मिशन मोड के तहत किया जायेगा.
झारखंड ने 11 योजनाओं को पूरा करने की मांग की : बैठक में झारखंड के सीएम रघुवर दास ने राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में 11 योजनाओं को पूर्ण करने की मांग की. करीब 700 करोड़ की इन योजनाओं को रोड रिक्वायरमेंट प्लान फेज-2 के तहत स्वीकृति देने की मांग रखी. टेंडर की शर्तो में ढील देते हुए नॉमिनेशन के आधार पर ठेका देने की बात कही. कहा गया कि इन क्षेत्रों सड़क के लिए बार-बार टेंडर होता है. पर कोई नहीं डालता.
सरकार मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमइएस) या रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) के माध्यम से सड़कें बनाना चाहती हैं. टेंडर की वजह से एनएच से रोड कनेक्टिविटी में देर हो रही है.
राज्य सरकार ने दिया प्रेजेंटेशन : बैठक में राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशन पेश किया गया. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छोटे-छोटे पैकेज बना कर स्थानीय लोगों को ठेका दे, ताकि रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सके. इससे नक्सल समस्या का भी समाधान होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में सड़क निर्माण के लिए राशि की कमी नहीं होने दी जायेगी. राज्य सरकार प्रस्ताव दे, केंद्र उस पर तत्काल कार्रवाई करेगा. बैठक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों ने भी प्रेजेंटेशन दिया.
नक्सल इलाकों में बिछेगा सड़कों का जाल : बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा : नक्सल इलाकों में सड़कों व पुल-पुलियों का जाल बिछा दिया जाये, तो 75 फीसदी नक्सल समस्या का हल हो सकता है. उन्होंने इन इलाकों में नयी तकनीक अपनाने की जरूरत पर भी बल दिया. उन्होंने कहा : डीआरडीओ और एमइएस ने ऐसे क्षेत्र में सड़क बनाने की तकनीकों का विकास किया है. प्रभावित राज्यों को इनकी सहायता लेने का सुझाव दिया गया है.
कार्ययोजना बनायी जायेगी : केंद्रीय मंत्री ने कहा : केंद्रीय गृह मंत्रलय के माध्यम से एक कार्ययोजना बनायी जायेगी. सड़कों के निर्माण के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम तैयार होगा, जिसमें सभी राज्यों का सुझाव लिया जायेगा. इन इलाकों में आदिवासी युवाओं को सुरक्षा और विकास के कार्यो से जोड़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यो में छोटे-छोटे ठेके स्थानीय आदिवासी युवाओं को दिये जाने चाहिए. इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है. इससे संबंधित वर्कशॉप आयोजित करने का सुझाव दिया.
मुख्यमंत्री थे बैठक में
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ व यूपी के पथ निर्माण मंत्री व अधिकारी मौजूद. झारखंड से मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय, पथ निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा भी मौजूद थे.
क्या है आरआरपी
रोड रिक्वायरमेंट प्लान (आरआरपी) के प्रथम चरण में 34 जिलों में 5,477 किलोमीटर सड़क बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया था. 3200 किमी सड़क का काम पूरा हो गया है.
पुल बनाने में डीआरडीओ व मिलिटरी इंजीनियरिंग सर्विस और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय तकनीक का सहारा लिया जायेगा
सड़क निर्माण के लिए स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता दी जायेगी. इससे वहां के आदिवासी युवकों को रोजगार और स्थानीय लोगों को काम मिल सके सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी आये, इसके लिए वन व पर्यावरण विभाग के साथ भी इस मुद्दे पर विचार किया जायेगा
इस योजना के प्रथम चरण का कार्य इस वर्ष तक पूरे किये जायेंगे. दूसरे चरण का कार्य जल्द शुरू किया जायेगा
रांची में नये रायपुर जैसी राजधानी बनाने को निर्देश
मुख्यमंत्री रघुवर दास नये रायपुर की तर्ज पर रांची में नयी राजधानी बनाना चाहते हैं. उन्होंने अधिकारियों के साथ नये रायपुर का भ्रमण किया. उनके साथ मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय, भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, पथ निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा, ओएसडी राकेश चौधरी भी थे. नये रायपुर का निर्माण 20 हजार एकड़ में किया गया है. मुख्यमंत्री ने सुखदेव सिंह से इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. सुखदेव सिंह ने छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के बैठक कर नये रायपुर की विस्तृत जानकारी भी ली. इसके डीपीआर की प्रति भी मांगी है, ताकि इसके अनुरूप रांची में भी इस पर काम किया जा सके.