रांची: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने कहा है कि अस्पतालों में अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई की जायेगी. वह नामकुम के आरसीएच परिसर में मंगलवार को विभाग की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सभी सिविल सजर्नों को निर्देश दिया कि उपलब्ध राशि से दवा खरीदने के कार्य को प्राथमिकता से लें.
यदि किसी जिले में दवाओं की कमी होगी तो इसके लिए संबंधित सिविल सजर्न जिम्मेवार माने जायेंगे और उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए वरीय और कनीय अधिकारियों को प्रोन्नति दी जायेगी. बैठक में उन्होंने सभी जिला एवं प्रमंडल स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में खरीदे गये एवं उपलब्ध उपकरणों की वर्षवार मैपिंग करें और इसके आधार पर संबंधित कर्मचारियों को पदस्थापित करें. दवा खरीद के लिए भी प्रक्रिया हरेक जिले में शुरू करने का निर्देश दिया. बैठक में प्रधान सचिव ने सभी एफआरयू को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश वरीय अधिकारियों को दिया.
उन्होंने कहा कि जेपीएससी के माध्यम से होने वाली 750 चिकित्सकों की बहाली की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाये. ओपीडी एवं आइपीडी में पदस्थापित प्रत्येक चिकित्सक कितने मरीजों की जांच करते हैं, इसका ब्योरा विभाग को उपलब्ध कराएं. बेहतर कार्य करने वाले चिकित्सकों को सरकार की ओर से पुरस्कृत किया जायेगा.
इस अवसर पर निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ सुमंत मिश्र, संयुक्त सचिव बीके मिश्र, उप सचिव रामकुमार सिन्हा, निदेशक डॉ रमेश, डॉ मंजू कुमारी, डॉ एके चौधरी, सहित सभी जिले के सिविल सजर्न, आरडीडी, एनएचएम व अन्य उपस्थित थे. उल्लेखनीय है विद्यासागर के प्रभार लेने के बाद से विभाग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा रहे हैं. पूर्व में लिये गये कुछ निर्णयों की समीक्षा भी हो रही है.