रांची: राज्य सरकार सभी जिलों में नये सिरे से जमीन की मिल्कियत का सर्वे करायेगी. इससे राज्य के मूल रैयतों की भूमि के बारे में विस्तृत जानकारी मिल पायेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से यह काम पूरी तरह कंप्यूटरीकृत होगा.
नेशनल लैंड रीफोर्म मैनेजमेंट प्रोग्राम (एनएलआरएमपी) के तहत डिजिटाइज्ड सर्वेक्षण कराया जायेगा. विभाग के विशेष सचिव एके रस्तोगी के अनुसार सर्वेक्षण के काम के लिए सेटेलाइट मैपिंग भी की जायेगी. इससे रैयतों की जमीन की सेटेलाइट इमेजरी भी की जायेगी.
केंद्र सरकार से सर्वेक्षण और कंप्यूटरीकरण के लिए अनुदान दिया जायेगा. मुख्य सचिव आरएस शर्मा के निर्देश के बाद कंप्यूटरीकृत सर्वेक्षण करने के प्रस्ताव पर कार्रवाई की जा रही है. विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद के पास प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए भेजा गया है. राज्य में चार नये जिलों को छोड़ कर अन्य सभी जिलों में 70 के दशक से सर्वेक्षण का काम चल रहा है. फिलहाल स्थानीयता नीति को लेकर खतियान और अंतिम सर्वे की बातें आ रही हैं. अंतिम सर्वे 1965 में शुरू हुआ था, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है.