रांची: कोल इंडिया में मजदूर हितों के लिए संघर्षरत मजदूर यूनियनों की बैठक कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के साथ मंगलवार को बिना नतीजे के समाप्त हो गयी.
कोल इंडिया में 10 फीसदी विनिवेश और पुनर्गठन सहित कई नीतिगत मामलों को लेकर बैठक बुलायी गयी थी. इसमें सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस और बीएमएस के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में कोयला मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के अनुसार वह विनिवेश नहीं रोक सकते हैं. इसमें कोयला मंत्रलय से ज्यादा भारत सरकार का हित है. उन्होंने मजदूर यूनियनों से आग्रह किया कि वे इसके विरोध में किए जाने वाले आंदोलन की घोषणा को वापस लें. मजदूर यूनियनों ने इसका विरोध किया और कहा कि विनिवेश से कोल इंडिया की वर्तमान व्यवस्था बदल जायेगी. कंपनी धीरे-धीरे निजी हाथों में चली जायेगी. वार्ता विफल होने के बाद कोयला मंत्री ने 30 जुलाई को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के साथ बैठक तय की. नयी दिल्ली में होने वाली बैठक में मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है.
चेयरमैन से भी मिले
कोयला मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद यूनियन नेताओं ने कोल इंडिया के चेयरमैन एस नरसिंह राव के साथ भी बैठक की. उनसे कोल इंडिया स्तर पर लंबित कई मामलों पर विचार किया गया. उनसे भी कोल इंडिया के पुनर्गठन, कोल ब्लॉक आवंटन, कोल विदेश बंद करने संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में इंटक से राजेंद्र सिंह, एसक्यू जमा, एटक के रमेंद्र कुमार, एचएमएस के नाथू लाल पांडेय, सीटू से जीवन राय तथा एचएमएस से सुरेंद्र कुमार पांडेय शामिल हुए.