रांची: देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के संबंध में शोध करने के लिए रांची विवि ने पहल की है. राज्य सरकार की मदद से रांची विवि ने मोरहाबादी स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी के बगल में भवन का निर्माण कराया है. इसका नाम मौलाना आजाद इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपरेटिव लिटरेचर एंड नेशनल इंटीग्रेशन रखा गया है.
तीन तल्ले के इस भवन के निर्माण में कुल एक करोड़ 95 लाख रुपये की लागत आयी है. अभी तक इसमें एक करोड़ 88 लाख रुपये खर्च हुए हैं. इसका उदघाटन 12 जनवरी को राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सैयद अहमद करेंगे.
क्या है सुविधा : मौलाना आजाद इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपरेटिव लिटरेचर एंड नेशनल इंटीग्रेशन भवन के निचले तल्ले में मौलाना आजाद रिसर्च सेंटर की स्थापना की जायेगी. इसमें वृहद लाइब्रेरी रहेगी, जहां मौलाना अजाद से जुड़े पब्लिकेशन, पुस्तकें व मेटेरियल रहेंगे. इसी फ्लोर में शोधकर्ताओं के लिए स्टडी रूम, कंप्यूटर, फैक्स, जेरॉक्स, वाइफाइ आदि की सुविधा रहेगी. प्रथम तल्ले में दूरस्थ शिक्षा केंद्र (डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर) खोला जायेगा.
इसके माध्यम से अब वैसे विद्यार्थी जो रेगुलर क्लास नहीं कर सकते हैं, वे स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री नियमानुसार प्राप्त कर सकेंगे. अंतिम तल्ले में लैंग्वेज लैब की स्थापना की जायेगी. इसमें विभिन्न भाषा की पढ़ाई होगी. खास कर विद्यार्थियों को कैंपस इंटरव्यू में अंग्रेजी भाषा में पकड़ मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसी तल्ले में मौलाना आजाद चेयर की स्थापना की जायेगी. इसके तहत बाह्य विशेषज्ञों के व्याख्यान कराये जायेंगे.