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संकट में नवजातों की जिंदगी
सरकार के आदेश पर एसएनसीयू के चिकित्सकों को किया विरमित एसएनसीयू यूनिट में भरती हैं पांच बच्चे राजीव पांडेय रांची : रिम्स के एसएनसीयू यानी न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भरती पांच नवजात बच्चों की जिंदगी संकट में है़ बच्चे तो भरती हैं, लेकिन उनका इलाज कौन करेगा, इस पर संदेह की स्थिति बनी हुई […]
सरकार के आदेश पर एसएनसीयू के चिकित्सकों को किया विरमित
एसएनसीयू यूनिट में भरती हैं पांच बच्चे
राजीव पांडेय
रांची : रिम्स के एसएनसीयू यानी न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भरती पांच नवजात बच्चों की जिंदगी संकट में है़ बच्चे तो भरती हैं, लेकिन उनका इलाज कौन करेगा, इस पर संदेह की स्थिति बनी हुई है़ बच्चों के इलाज में लगे चार चिकित्सकों को सरकार के आदेश के बाद रिम्स प्रबंधन ने विरमित करने का आदेश दे दिया है़ चिकित्सकों को शुक्रवार की शाम को विरमित करने का आदेश दे दिया गया है़. सूत्रों की मानें, तो विरमित किये जाने के बाद चिकित्सकों ने अपनी सेवा देनी बंद कर दी है़ हालांकि रिम्स प्रबंधन ने सरकार को अपनी समस्या से अवगत करा दिया है.
यूनिट में नये बच्चों की भरती बंद : चिकित्सकों को विरमित करने के बाद न्यू बॉर्न केयर यूनिट में नये बच्चों की भरती बंद कर दी गयी है, क्योंकि बच्चों का इलाज कौन करेगा, यह तय नहीं है़ इसके अलावा जो पांच बच्चे यूनिट में भरती हैं, उनका इलाज प्रभावित होने लगा है़ गौरतलब है कि गरीब के लिए यह यूनिट वरदान है, क्योंकि निजी अस्पतालों में इसके लिए परिजनों को बहुत पैसा खर्च करना पडता है़ इधर शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष ने वैकल्पिक व्यवस्था की प्रक्रिया शुरू कर दी है़ इस संबंध में रिम्स प्रबंधन के साथ बैठक भी की़ये चिकित्सक किये गये हैं विरमित : डॉ संजय, डॉ सुबोध कुमार, डॉ नारायण उरांव एवं डॉ परमानंद
शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए खोला गया है यूनिट : रिम्स के एसएनसीयू को 13 दिसंबर 2010 को खोला गया था़ तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुरमू ने यूनिट का उदघाटन किया था़ यूनिट को राज्य में शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए खोला गया है़ एनएनसीयू में आठ-आठ बेड की दो यूनिट है़ं वर्तमान में आठ बेड की एक यूनिट ही संचालित हो रही है, क्योंकि मैन पावर की कमी है़ यहां बता दे कि चार चिकित्सकों को सरकार ने विशेष प्रशिक्षण देकर रिम्स के एसएनसीयू में भेजा गया था़ वहीं आठ बेड की दूसरी यूनिट नर्सो की कमी के कारण उदघाटन के बाद से बंद है़
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