पुणे. सरकार की गरीबांे तथा कारोबार के समर्थन वाली सोच के अनुरूप वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकांे को सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनने के साथ व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक बनने की सलाह दी. सिन्हा ने दो दिन की बैंकर्स रीटरीट के उदघाटन सत्र मंे कहा कि हालांकि, यह गरीबांे की सरकार है. लेकिन साथ ही यह कारोबार का समर्थन करनेवाली सरकार है. ऐसे मंे संतुलन इस तरह का होना चाहिए कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक वाणिज्यिक रुप से काम करें, लेकिन साथ ही गरीबांे का वित्तपोषण भी करंे. अपने भाषण मंे सिन्हा ने स्पष्ट किया कि यह सरकार यूपीए की तरह कानूनी अधिकार के तरीके पर भरोसा नहीं करती, बल्कि चाहती है कि लोग सम्मान के साथ जीवन बिताएं. उन्हांेेने कहा कि यह सरकार सशक्तीकरण के सिद्धांत पर काम करती है अधिकार के नहीं. उन्हांेेने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना जैसी योजनाएं इन्हीं प्रयासांे मंे मदद को तैयार की गयी हैं. उन्हांेने न्यूनतम सरकार व अधिकतम काम पर भी जोर दिया, जिसमंे प्रशासन सिर्फ सुविधा प्रदान करता है. सिन्हा ने कहा कि बैंकरांे को इस तरह के सुझाव देने चाहिए, जिससे अर्थव्यवस्था सात से आठ फीसदी की दर से बढ़ सके और यह वृद्धि महंगाई बढ़ाने वाली नहीं हो.
सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनें बैंक : सिन्हा
पुणे. सरकार की गरीबांे तथा कारोबार के समर्थन वाली सोच के अनुरूप वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकांे को सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनने के साथ व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक बनने की सलाह दी. सिन्हा ने दो दिन की बैंकर्स रीटरीट के उदघाटन सत्र मंे कहा कि हालांकि, यह गरीबांे […]
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