बिरसा मुंडा डीएवी आवासीय विद्यालय, बुंडू सरकार व डीएवी प्रबंधन दोनों बेपरवाहवरीय संवाददाता, रांचीबिरसा मुंडा डीएवी आवासीय विद्यालय, बुंडू में जनजातीय बच्चे पढ़ते हैं. पहली से दसवीं कक्षा तक के इस स्कूल में अभी 325 बच्चे अध्ययनरत हैं. स्कूल व छात्रावास एक ही भवन में हैं. छात्रावास के कमरों की खिड़कियां महीनों से टूटी है. ठंड बढ़ गयी है. पर बच्चों को टूटी खिड़कियों वाले कमरे में ही रहना-सोना पड़ता है. इससे बच्चों को बेहद परेशानी हो रही है. प्रभात खबर ने माह भर पहले इससे संबंधित रिपोर्ट छापी थी. पर अब तक न तो सरकार ने और न ही स्कूल का संचालन कर रहे डीएवी प्रबंधन ने इस पर ध्यान दिया है. खिड़कियों के खुले रहने से बच्चे ठंड में कांपने को मजबूर हैं. तीन मंजिले इस स्कूल की कई खिड़कियों में शीशे नहीं हैं. उनके पास सरकार से मिले पतले कंबल ही सहारा हैं. कल्याण विभाग के इस स्कूल के संचालन की जिम्मेवारी डीएवी प्रबंधन को दी गयी है. पर सरकार दो वर्ष से स्कूल संचालन का पूरा खर्च नहीं दे रही है.वर्जन :पक्का इंतजाम तो सरकार ही करेगी. पर हमलोगों ने कुछ खिड़कियों में परदा लगाया है. कुछ परदा सीने के लिए दिये गये हैं. अपने तरफ से हम हर कोशिश कर रहे हैं. सच्चिदानंद पांडेय, प्राचार्य बिरसा मुंडा डीएवी आवासीय विद्यालय बुंडू
टूटी खिड़कियों से ठंड झेल रहे बच्चे…..दो तसवीरें हैं
बिरसा मुंडा डीएवी आवासीय विद्यालय, बुंडू सरकार व डीएवी प्रबंधन दोनों बेपरवाहवरीय संवाददाता, रांचीबिरसा मुंडा डीएवी आवासीय विद्यालय, बुंडू में जनजातीय बच्चे पढ़ते हैं. पहली से दसवीं कक्षा तक के इस स्कूल में अभी 325 बच्चे अध्ययनरत हैं. स्कूल व छात्रावास एक ही भवन में हैं. छात्रावास के कमरों की खिड़कियां महीनों से टूटी है. […]
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