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इस्पात क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा नया साल

नयी दिल्ली. उत्पादन में औसतन वृद्धि वैश्विक स्तर से अधिक रहने के साथ भारत इस साल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बना रहा, लेकिन बढ़ते आयात और अन्य चिंताओं के बीच अगला साल (2015) चुनौतीपूर्ण रह सकता है. इस साल की ज्यादातर अवधि में उत्पादन में वृद्धि वैश्विक औसत से अधिक रही, जबकि […]

नयी दिल्ली. उत्पादन में औसतन वृद्धि वैश्विक स्तर से अधिक रहने के साथ भारत इस साल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बना रहा, लेकिन बढ़ते आयात और अन्य चिंताओं के बीच अगला साल (2015) चुनौतीपूर्ण रह सकता है. इस साल की ज्यादातर अवधि में उत्पादन में वृद्धि वैश्विक औसत से अधिक रही, जबकि मांग में नरमी का रख देखने को मिला. अब इस क्षेत्र की सारी उम्मीदें नयी सरकार के विनिर्माण तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर जोर देनेवाले रुख से लगी हैं. सरकार के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम से फायदे की उम्मीद सभी इस्पात उत्पादक कंपनियों को है और ये कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता को मौजूदा 10 करोड़ टन सालाना से बढ़ाने की सोच रही हैं.

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