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दत्तक पुत्र को अनुकंपा पर नियुक्ति का अधिकार
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को अनुकंपा पर नियुक्ति के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के पक्ष को स्वीकार करते हुए कहा कि मुसलिम परिवार में गोद लेने […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को अनुकंपा पर नियुक्ति के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के पक्ष को स्वीकार करते हुए कहा कि मुसलिम परिवार में गोद लेने की परंपरा नहीं रहने के बावजूद दत्तक पुत्र को अनुकंपा का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
सीसीएल अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ ने खारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अब्दुल सतार ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी. एकल पीठ ने कहा था कि मुसलिम परिवार में गोद लेने की परंपरा नहीं है. अनुकंपा पर नौकरी नहीं देने के सीलीएल के पक्ष को स्वीकार करते हुए अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी. प्रार्थी ने आदेश को चुनौती दी थी. प्रार्थी के पिता अब्दुल रज्जाक अंसारी केदला प्रोजेक्ट में कार्यरत थे. सेवा में रहने के दौरान उनका निधन हो गया था. उनके दत्तक पुत्र अब्दुल सतार ने सीलीएल में अनुकंपा पर नियुक्ति करने की मांग की थी.
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