नयी दिल्ली. अनुसूचित जाति सूची में नये समुदायों को शामिल करने के बावजूद आरक्षण प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं आने का जिक्र करते हुए संसद की एक समिति ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आरक्षण नीति संबंधी मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए. संसद में पिछले सप्ताह पेश संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2014 पर स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ओर तो अनुसूचित जाति सूची में नये समुदायों को लगातार शामिल किया जा रहा है जिसका मकसद आरक्षण श्रेणी के तहत अधिक से अधिक लाभ देना है. वहीं दूसरी ओर आरक्षण का प्रतिशत वही का वही बना हुआ है. समिति ने कहा कि इस तथ्य पर विचार करते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को आरक्षण नीति से संबंधित मुद्दों पर विचार करना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ समिति मंत्रालय (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) से अनुरोध करती है कि इस मामले को उचित कार्रवाई के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के समक्ष उठाये.’ समिति ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट को समय पर संसद में नहीं रखे जाने पर संज्ञान लेते हुए विलंब का कारण बताने और रिपोर्ट समय पर पेश करना सुनिश्चित करने को कहा.
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आरक्षण नीति संबंधी मुद्दों पर विचार हो
नयी दिल्ली. अनुसूचित जाति सूची में नये समुदायों को शामिल करने के बावजूद आरक्षण प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं आने का जिक्र करते हुए संसद की एक समिति ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आरक्षण नीति संबंधी मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए. संसद में पिछले सप्ताह पेश संविधान (अनुसूचित जातियां) […]
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