रांची: रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों में जमीन की दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) में परेशानी हो रही है. वैसी जमीन जो 25 जनवरी 2012 के पहले खरीदी गयी थी, उनके म्यूटेशन पेडिंग हैं. अंचल कार्यालयों में इन पर निर्णय नहीं हो रहा. नामकुम अंचल के महिलौंग की दमनी महतो, पति अमीन महतो ने वर्ष 05 में जमीन खरीदी थी, इसका दाखिल-खारिज नहीं हो रहा है. ऐसे उदाहरण हर अंचल कार्यालय में हैं.
दरअसल सरकार की ओर से इस मामले में स्पष्ट निर्देश न मिलने के कारण ऐसा हो रहा है. स्थिति साफ करने के लिए ही उपायुक्त रांची ने राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा था. उसमें कहा गया था कि सालखन मुमरू बनाम राज्य सरकार के मामले (डब्ल्यूपी (पीआइएल), सं-758/2011) में उच्च न्यायालय ने आदेश (25 जनवरी 2012) पारित किया था कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46(1)बी के तहत अनुसूचित जाति (एससी) व पिछड़ी जाति के सदस्यों को रैयती भूमि के हस्तांतरण के पूर्व उपायुक्त की अनुमति लेनी होगी. इधर इस आदेश से पहले ओबीसी व एससी की जमीन बगैर उपायुक्त की पूर्वानुमति के खरीदी-बेची जा रही थी. ऐसी कई जमीनों का दाखिल-खारिज नहीं हो रहा. क्रेता से कहा जाता है कि इनके म्यूटेशन में अभी परेशानी है.
स्थिति साफ करने के लिए ही उपायुक्त ने राजस्व व भूमि सुधार सचिव से पूछा था कि दाखिल-खारिज संबंधी मामले के निष्पादन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये जायें. गौरतलब है कि म्यूटेशन नहीं होने से संबंधित जमीन की लगान वसूली नहीं हो रही है. इसी आलोक में उक्त चिट्ठी लिख कर दिशा निर्देश मांगा गया था, जो आज तक नहीं मिला है.