रांची: कांग्रेस और झामुमो के बीच स्वार्थ का गंठबंधन होने जा रहा है. ये सारे लोग झारखंड के हित के लिए एकजुट नहीं हुए हैं, बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जुटे हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि इस बार केंद्र में उसकी वापसी संभव नहीं है, इस कारण येन-केन प्रकारेण केंद्र की सरकार बचाने और दोबारा सत्तासीन होने का ख्वाब देख रही है. यह बात पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरंभ से ही अपने स्वार्थ के लिए झारखंड का इस्तेमाल करती रही है.
जब भी स्वार्थ साधना चाहा, तो यहां सरकार बनवा दी. श्री मुंडा ने सवाल उठाया कि कांग्रेस के इस कदम से अब स्पष्ट होने जा रहा है कि सरकार गिराने के पीछे उनकी मंशा क्या थी. छह महीना राष्ट्रपति शासन लगा कर वह अपनी स्वार्थ सिद्धि कर रही थी. अब गंठबंधन हो, इसके लिए झामुमो के पास सरकार गठन का चारा फेंक दिया है.
श्री मुंडा ने कहा कि उन्होंने पहले ही यह मांग कर दी थी कि यहां विधानसभा भंग कर चुनाव कराया जाना चाहिए. कई अन्य दल भी इस पक्ष में हैं कि यहां नया जनादेश लिया जाना चाहिए, पर अब सरकार बनाने का खेल चल रहा है. कांग्रेस ने जान-बूझ कर राष्ट्रपति शासन में विधानसभा छह माह तक लंबित रखा. जब उस समय सरकार बनाने का आंकड़ा नहीं जुट रहा था, तो अब कैसे हो गया. श्री मुंडा ने कहा कि जल्द ही वह गंठबंधन की इस साजिश का परदाफाश करेंगे.