रांची : राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने कहा : सुरक्षाकर्मियों की शहादत जाया नहीं जायेगी. नक्सलियों को देश की राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि इस घटना से राज्य के पुलिस बल का मनोबल कम नहीं होगा और वह दोगुने जोश से माओवादियों से निबटेंगे. उन्होंने घटना को नक्सलियों की कायराना हरकत बताते हुए इसकी भर्त्सना की और कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.
मर्माहत हैं, पर हतोत्साहित नहीं: आनंद शंकर
दुमका : राज्यपाल के सलाहकार आनंद शंकर बुधवार को दुमका और वहां से सीधे घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा : घटना से पुलिस मर्माहत है, लेकिन जरा भी हतोत्साहित नहीं. जिस जगह नक्सलियों ने वारदात को अंजाम दिया, वह एंबुश के लिए बहुत ही खतरनाक था. सारे फायदे नक्सलियों के पक्ष में थे.
कठोरता से जवाबी कार्रवाई की जायेगी. केंद्र सरकार से भी मदद मांगी जायेगी. इसके लिए हमने सीआरपीएफ के दोनों डीआइजी से बातचीत की है. हमें अपने को सतर्क, चुस्त और बराबर सावधान रखने की जरूरत है. अपनी क्षमता में वृद्धि करनी होगी. फोर्स को सेंसेटाइज करना होगा. उन्होंने कहा : बहुत बड़ी चूक हुई है. कभी ऐसा अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी घटना होगी. घटना से सबक लेने की जरूरत है. श्री शंकर ने कहा : अनुसंधान के सारे बिंदुओं पर पदाधिकारियों से बात हुई है. क्या-क्या करना है, क्या-क्या निरोधात्मक कार्रवाई होनी है, उस पर निर्देश दिये गये हैं. पूरी सावधानी के साथ अभियान चलाया जायेगा.
जामताड़ा के कुंडहित में चलाया गया सर्च अभियान
कुंडहित : घटना के दूसरे दिन बुधवार को नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुंडहित के बाबुपुर, गोरांनडंगाल, बेड़ा, इंद्रपाहाड़ी सहित अन्य गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. हालांकि पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा है. जामताड़ा एसपी नागेंद्र चौधरी ने कहा कि नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.
जांच शुरू
दुमका से मिली खबर के अनुसार, पुलिस घटना के दिन घटनास्थल के आसपास काम करनेवाले मोबाइल टावर से कनेक्ट हुए सभी मोबाइल नंबरों की जांच शुरू कर दी है. इन मोबाइल नंबरों का कॉल डिटेल निकाला जा रहा है, ताकि पता चल सके कि एसपी के मूवमेंट की सूचना नक्सलियों तक कौन पहुंचा रहा था.
जांच के बिंदु
1बैठक की सूचना गोपनीय रखी गयी थी, फिर भी नक्सली योजनाबद्ध तरीके से हमला करने में सफल रहे
2 बिना नंबर की गाड़ी में थे एसपी फिर भी नक्सलियों ने पहचान लिया
3दुमका से घटनास्थल की दूरी 30 किमी है, 40 मिनट लगते हैं, ऐसे में नक्सलियों ने इतनी जल्दी कैसे योजना बना ली