रांची: शहीद एसपी अमरजीत सिंह बलिहार को जैप-वन में सलामी दी गयी. राज्यपाल डॉ सैयद अहमद, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद, मुख्य सचिव आर शर्मा, कैबिनेट सचिव जेबी तुबिद, गृह सचिव एनएन पांडेय, राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता व आनंद शंकर, डीजीपी राजीव कुमार सहित कई आला अधिकारी और पुलिसकर्मियों ने उन्हें सलामी दी.
इससे पहलो सड़क मार्ग से सुबह करीब आठ बजे शहीद एसपी अमरजीत सिंह बलिहार का शव जैप-वन परिसर पहुंचा. यहां करीब दो तीन घंटे के इंतजार के बाद जैप-वन के बैंड ने मातमी धुन बजाया, जिसके बाद 10.55 बजे उन्हें अंतिम सलामी दी गयी. इस दौरान जवानों ने राइफल झुकाया. इधर, सलामी के बाद तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को पुलिस वाहन में रखा गया. जवान शहीद के पार्थिव शरीर को कंधे रख कर जब तक सूरज चांद रहेगा..शहीद तेरा नाम रहेगा के नारे लगा रहे थे.
सरकार मेरे बेटे को नहीं बचा पायी : चंद्रमोहन : शहीद एसपी के पिता चंद्रमोहन बलिहार ने कहा कि झारखंड सरकार फेल है. सरकार मेरे बेटे को नहीं बचा पायी.
मेधावी छात्र रहे थे बलिहार : एसपी रंजीत प्रसाद ने बताया कि अमरजीत बलिहार उनके कॉलेज के मित्र थे. उन्होंने संत जेवियर्स कॉलेज में इंटर और स्नातक की पढ़ाई की थी.
यह दुख की घड़ी : राज्यपाल
शहीद को अंतिम सलामी देने के बाद राज्यपाल ने कहा: एसपी के शहीद होना बड़ी क्षति है. यह दुख का माहौल है. आवश्यकता पड़ी, तो इस मामले की जांच करायी जायेगी. राज्यपाल ने शहीद की पत्नी और बच्चों को ढांढ़स बंधाया व बच्चों को गले लगा कर दुख की इस घड़ी में हिम्मत रखने की बात कही.
हम चुप बैठनेवाले नहीं हैं : सीएस
मुख्य सचिव ने कहा कि इस तरह की घटना से हम चुप बैठनेवाले नहीं हैं. नक्सलियों पर कार्रवाई होगी. डीजीपी ने कहा कि पूरे झारखंड में अभियान तेज कर दी गयी है. दो कंपनी जगुआर को दुमका भेजा गया है. खुफिया विभाग से चूक की बात को उन्होंने इनकार कर दिया.
सरकार कार्रवाई कर रही है : शिबू
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने कहा कि इस घटना को लेकर सरकार अपने स्तर से कार्रवाई कर रही है. वहीं राज्यपाल के सलाहकार आनंद शंकर ने कहा कि नक्सलियों के पास कोई कानून नहीं है, लेकिन हम कानून के दायरे में रह कर नक्सलियों पर कार्रवाई करेंगे. खुफिया विभाग या अन्य मामले में चूक के सवाल पर वह चुप रहे. उन्होंने कहा कि दुमका से लौटने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.