बीएसएनएल सरकारी संस्था है. सरकारी संस्थाएं क्यों पिछड़ रही हैं, इसका उदाहरण यहां देख सकते हैं. कई वीआइपी के बीएसएनएल कनेक्शन हैं, पर उनके नंबर पर भारी बकाया है. यदि इनका कनेक्शन निजी कंपनियों का रहता, तो कब का कनेक्शन कट चुका होता. फिर भुगतान करके कनेक्शन जुड़वाने के लिए दौड़ लगाते रहते. वैसे अब बीएसएनएल इन वीआइपी का कनेक्शन काटने की तैयारी कर रही है.
रांची: बीएसएनएल की ओर से लैंड लाइन टेलीफोन को दो श्रेणियों में रखा गया है. सामान्य व खास. खास के नंबरों का बिल बकाया रहने पर तुरंत नहीं काटा जा सकता है. इसके लिए विभाग में राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय लिये जाते हैं. हाल के दिनों में बीएसएनएल की वित्तीय हालत खस्ता होती जा रही है. कंपनी को लगातार हर साल घाटा उठाना पड़ रहा है.
इसे देखते हुए नयी दिल्ली स्थित मुख्यालय में यह निर्णय लिया गया है कि किसी का भी बकाया हो, उसका नंबर काटा जाये. इसी क्रम में रांची सर्किल के तहत 150 नंबर ऐसे पाये गये हैं, जिनका बकाया 8.50 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है. इनके नंबर काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
पहले दी थी सूचना
बीएसएनएल के कोलकाता जोनल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सभी वीवीआइपी व वीआइपी बकायेदारों को राशि जमा करने की सूचना दी गयी थी. उन्हें कहा गया था कि 29 जून तक बकाया चुका दें. 30 जून के बाद कनेक्शन काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. पूर्वी क्षेत्र के लिए कोलकाता से ही सारे कनेक्शन काटे जाने हैं. इस बीच मिलिट्री कमांडिंग ऑफिसर, 23 इंफेंट्री डिवीजन रेजिमेंट ने फोन नहीं काटने का आग्रह करते हुए सूचना दी है कि राशि पटना स्थित मुख्यालय से आनी है. इस कारण इसमें कुछ देर हो सकती है. इनके पांच नंबरों पर 60 हजार रुपये का बकाया है.