रांची: जनमुद्दों पर संघर्ष तेज करने व झारखंड में जनपक्षीय विकल्प देने के लिए हूल दिवस पर भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, माकपा, आरएसपी, भाकपा (माले) व मासस ने एकजुट होकर संघर्ष का निर्णय लिया. रविवार को गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज सभागार में आयोजित कन्वेंशन में दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमें गौरवपूर्ण इतिहास से प्रेरणा लेने की जरूरत है.
हमें जो आजादी मिली है, आदिवासी अस्मिता की पहचान बची है, उसमें हूल, उलगुलान का बड़ा हाथ है. राज्य के वर्तमान स्वघोषित विकास पुरुषों का मॉडल सीएनटी- एसपीटी एक्ट को शिथिल करने पर टिका है.
इस बार का चुनाव निजीकरण, कॉरपोरेट लूट, जल-जंगल-जमीन पर अधिकार और दमन के सवाल पर होगा. इस मौके पर कई राजनीतिक प्रस्ताव के साथ-साथ विस्थापन व पालयन के खिलाफ और मनरेगा, विकास योजनाओं व पंचायतों के अधिकार से जुड़े प्रस्ताव भी पारित किये गये.