नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने रीयल इस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार के जुर्म में 630 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि में से 100 करोड़ रुपये जमा कराने की गुरुवार को अनुमति दे दी. इस कंपनी पर प्रतिस्पर्धा आयोग ने यह जुर्माना लगाया था. न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने डीएलएफ के वकील के अनुरोध के बाद यह अनुमति दी. वकील ने कोर्ट में कहा कि हम आज रजिस्टरी में 100 करोड़ रुपये और जमा करा देंगे. इससे पहले, कंपनी ने 27 अगस्त के आदेश के अनुरूप तीन सप्ताह के भीतर 50 करोड़ रुपये जमा कराये थे. कोर्ट ने कहा था कि रजिस्टरी इस राशि को अपने हिसाब से किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में निवेश करने के लिए स्वतंत्र होगी. डीएलएफ ने शीर्ष अदालत में उसकी अपील पर सुनवाई के लिए 26 नवंबर की समय सीमा के भीतर 630 करोड़ रुपये की धनराशि जमा करने में असमर्थता व्यक्त की थी. इस कंपनी ने निर्देशों पर अमल के लिये छह महीने का समय देने का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने उसे तीन सप्ताह के भीतर 50 करोड़ रुपये और फिर अगले तीन महीने में 27 नवंबर से पहले 580 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था. डीएलएफ की अर्जी पर अब शुक्रवार को विचार किया जायेगा.
डीएलएफ को सौ करोड़ जुर्माना जमा करने की छूट
नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने रीयल इस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार के जुर्म में 630 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि में से 100 करोड़ रुपये जमा कराने की गुरुवार को अनुमति दे दी. इस कंपनी पर प्रतिस्पर्धा आयोग ने यह जुर्माना लगाया था. न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षतावाली खंडपीठ […]
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