झारखंड के हालात के बारे में कोई बात किसी से छिपी नहीं है. 14 सालों में हमारे राज्य में कोई भी ऐसा काम नहीं हुआ, जिसका हम उल्लेख कर सकें. दूसरे राज्य के हमारे मित्र जब अपने राज्य में कानून-व्यवस्था या विकास के बारे में बातें करते हंै, तो हम केवल सुनते रहते हैं. हमारे अपने कारणों से आज हमारी और राज्य की यह स्थिति हो गयी है. हमारे यहां आज तक बहुमत वाली स्थिर सरकार नहीं बनी. किसी प्रकार जोड़ तोड़ कर नेताओं ने सरकार बनायी. इसमें हमारा ही दोष है. मतदान के दिन हम वोट नहीं कर घर पर रहे या पिकनिक मनाते हैं. इस साल दिसंबर में मतदान है. पिकनिक मनाने के लिए सबसे सही समय. एक दिन की छुट्टी हम पर पांच साल के लिए भारी पड़ती है. इस बार हमें प्रण लेना होगा, कि हम मतदान को सबसे पहले तरजीह देंगे. श्याम सुंदर अग्रवाल, व्यवसायी
राज्य की हालत किसी से छिपी नहीं है……आपकी राय
झारखंड के हालात के बारे में कोई बात किसी से छिपी नहीं है. 14 सालों में हमारे राज्य में कोई भी ऐसा काम नहीं हुआ, जिसका हम उल्लेख कर सकें. दूसरे राज्य के हमारे मित्र जब अपने राज्य में कानून-व्यवस्था या विकास के बारे में बातें करते हंै, तो हम केवल सुनते रहते हैं. हमारे […]
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