रांची: झारखंड में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी का रिजनल सेंटर खोलने का सपना फिलहाल पूरा नहीं हो सकेगा. राज्य सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी है. पिछले चार साल, छह माह (कुल 1639 दिन) की लंबी और उबाऊ प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी यूनिवर्सिटी को प्रस्तावित पांच एकड़ जमीन नहीं मिल पायी, जबकि इस दौरान विभिन्न कार्यालयों में लगभग 55 टेबुलों से जमीन हस्तांतरण संबंधी मूल संचिका गुजर चुकी है.
लंबी प्रक्रिया का परिणाम यह निकला कि राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता की सलाह लेने के बाद कृषि एवं गन्ना विकास विभाग ने 27 मई 2013 को मूल संचिका (सं-5 स.भू/62/09) राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को वापस कर दी.
उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार 29 जून 2009 से लेकर 26 मई 2013 तक संचिका कृषि व गन्ना विकास विभाग में पड़ी रही. यूनिवर्सिटी का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का मामला अधर में लटक गया. यूनिवर्सिटी का कार्यालय खुलने से उर्दू भाषी विद्यार्थियों को जो लाभ मिलनेवाला था, उससे वे वंचित हो गये.