रांची : हजारीबाग के चरही इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में लगे सीआरपीएफ की 22 वीं बटालियन के जवान एसपी को सूचित किये बिना वापस लौट आये. इसके कारण अभियान को बीच में ही रोक दिया गया. अभियान 19 नवंबर तक चलना था, लेकिन इसे 17 नवंबर को ही बंद कर दिया गया.
पूरे मामले को लेकर हजारीबाग की पुलिस ने एक रिपोर्ट तैयार की है. चरही ओपी के प्रभारी की रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय तक भेजने की प्रक्रिया चल रही है. मामले की शिकायत सीआरपीएफ के आइजी से भी की जायेगी. सूत्रों के मुताबिक 19 नवंबर से कोडरमा के सतगावां इलाके में भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में भी उसी फोर्स को शामिल किया गया है, जो हजारीबाग के चरही में प्रतिनियुक्त था. इस बात की जानकारी सीआरपीएफ के अधिकारियों को थी. लेकिन इस बारे में हजारीबाग की पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गयी थी.
चरही में अभियान शुरू होने के बाद अभियान में शामिल जवानों ने चरही ओपी के प्रभारी को बताया कि उन्हें कोडरमा जाना है, इसलिए लौट रहे हैं.
जवान को गोली लगने पर बंद हुआ था अभियान : 13 नवंबर को पुलिस ने बिशुनपुर इलाके में अभियान शुरू किया था. कुमारी गांव के पास नक्सलियों और पुलिस के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ होती रही. एक गोली कोबरा बटालियन के जवान संतोष कुमार को लगी. इसके बाद अभियान को बंद कर दिया गया.