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सीबीआइ ने चार शहरों में मारे छापे

एजेंसियां, नयी दिल्लीकरोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने मंगलवार को दिल्ली, ओडि़शा, कोलकाता और मुंबई शहरों में छापे मारे. सीबीआइ टीम ने ओडि़शा के राज्यसभा सदस्य प्यारीमोहन महापात्रा के दिल्ली और भुवनेश्वर आवास और ओडि़शा के दो अवकाशप्राप्त आइएएस अधिकारियों के आवास पर छापा मार कर तलाशी ली. इसमें […]

एजेंसियां, नयी दिल्लीकरोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने मंगलवार को दिल्ली, ओडि़शा, कोलकाता और मुंबई शहरों में छापे मारे. सीबीआइ टीम ने ओडि़शा के राज्यसभा सदस्य प्यारीमोहन महापात्रा के दिल्ली और भुवनेश्वर आवास और ओडि़शा के दो अवकाशप्राप्त आइएएस अधिकारियों के आवास पर छापा मार कर तलाशी ली. इसमें कुछ औद्योगिक घराने और ब्रोकर भी शामिल हैं, जिनके मार्फत नकदी के लेनदेन किये गये. भुवनेश्वर में महापात्र ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं अपने आवास पर सीबीआइ की छापेमारी का स्वागत करता हूं. उन्होंने (सीबीआइ टीम ने) मंगलवार सुबह मेरे घर की तलाशी ली और मेरे बैंक के पास बुक, संपत्ति के रिकॉर्ड, पार्टी दस्तावेज और अन्य समेत कुछ दस्तावेज ले गये.’ महापात्र ने दावा किया कि किसी चिट फंड कंपनी से उनका कोई रिश्ता नहीं है और कहा कि वह सच्चाई उजागर करने के लिए सीबीआइ के साथ सहयोग करना चाहेंगे. इससे पहले, महापात्र ने स्वीकार किया था कि उन्होंने सीशोर ग्रुप के सीएमडी प्रशांत दाश से मुलाकात की थी. दाश अब जेल में हैं. केवल ओडि़शा में 22 स्थानों पर छापेसीबीआइ ने सीशोर समूह के चिट फंड घोटाले के संबंध में केवल ओडि़शा में 22 स्थानों पर छापे मारे. इस घोटाले से राज्य के हजारों निवेशक प्रभावित हुए है. भुवनेश्वर में 16, कटक में चार, बोलांगीर जिले के के तितलागढ़ व सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला में एक-एक स्थान पर छापे मारे गये. सीबीआइ ने सीशोर सीएमडी के कुछ निकट सहयोगियों के आवास पर भी छापेमारी की. सीबीआइ सीशोर चिट फंड घोटाले में कथित भूमिका को ले कर कई राजनीतिकों से पूछताछ कर चुकी है. सीशोर समूह पर आरोप है कि उसने लोगों से करीब 1,500 करोड़ रुपये वारे-न्यारे किये हैं.पटनायक सरकार को हो सकती है परेशानीसीशोर ग्रुप की जांच से नवीन पटनायक सरकार को परेशानी हो सकती है, क्योंकि उसने सार्वजनिक-निजी साझेदारी के आधार पर विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी इस समूह को दी थी. सीबीआइ की यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल सारधा कंपनी समूह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के एक दिन बाद हुई, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि राज्य सशस्त्र पुलिस के पूर्व महानिदेशक और तृणमूल उपाध्यक्ष रजत मजूमदार और ईस्ट बंगाल क्लब के पदाधिकारी देबब्रत सरकार चिट फंड घोटाले से जमा धन से लाभान्वित होने वालों में शामिल हैं.

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