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रणनीति बना कर करें स्टडी

वर्तमान समय में सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम के साथ-साथ रणनीति बना कर स्टडी करना आवश्यक होता है. रणनीति के तहत सही तरीके से पढ़ाई और मैनेजमेंट प्लान कर पढ़ने से एक ओर जहां पढ़ाई आसान तो दूसरी ओर विद्यार्थी पर ज्यादा दबाव भी नहीं रहता है. अक्सर देखा जाता है कि विद्यार्थी […]

वर्तमान समय में सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम के साथ-साथ रणनीति बना कर स्टडी करना आवश्यक होता है. रणनीति के तहत सही तरीके से पढ़ाई और मैनेजमेंट प्लान कर पढ़ने से एक ओर जहां पढ़ाई आसान तो दूसरी ओर विद्यार्थी पर ज्यादा दबाव भी नहीं रहता है. अक्सर देखा जाता है कि विद्यार्थी मेहनत करने के बाद भी उचित परिणाम नहीं ला पाते हैं. विश्लेषण करने पर जो कारण उजागर होता है, वो प्राय: सही तरीके से पढ़ाई व मैनेजमेंट प्लान के अनुसार पढ़ाई का न होना या कमी होना होता है. विद्यार्थी हमेशा समय की कमी से परेशान और कुंठित रहता है. समय का उपयोग सही तरीके से पढ़ाई व मैनेजमेंट प्लान से किया जा सकता है. ऐसे करें स्टडी प्लानिंगरूटिन : सबसे पहले विद्यार्थी को अपने विषय की गंभीरता और किस पाठ को कितना समय देना है, यह तय कर लेना चाहिए. सत्र आरंभ होते ही स्टडी प्लान तैयार कर उसके अनुरूप रूटिन तैयार कर लेना चाहिए. रूटिन बनाते समय यह ध्यान रखें कि रूटिन पूरे वर्ष के लिए हो. इसलिए ऐसा न बनायें, जिससे उसे पालन करना असंभव हो. रूटिन में खाने, आराम करने और रोजमर्रा के कामों के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए.पाठ को पहले से पढ़ लें : कक्षा में पढ़ाया जाने वाला पाठ अगर पहले से पढ़ लिया जाये, तो विषय वस्तु को अच्छे से समझा जा सकता है. इसके अलावा पाठ में यदि कोई संदेह रह गया हो तो उसे तत्काल दूर किया जा सकता है. स्टडी मैनेजमेंट प्लान में इस चीज की भी व्यवस्था होनी चाहिए.रोज का काम रोज करें : कक्षा में पढ़ाया जाने वाला पाठ कभी भी कल के भरोसे ना छोड़ें. उसी दिन समाप्त करने का प्रयास करें. ऐसा न करने से पढ़ाई का बोझ बढ़ता जायेगा. इससे पढ़ाई में रुचि घटती जायेगी.रिविजन करें : स्टडी मैनेजमेंट प्लान के तहत रिविजन की भी व्यवस्था होनी चाहिए. बार-बार रिविजन करने से जटिल से जटिल पाठ भी सरल हो जाता है. रिविजन प्लान बनाते समय यह याद रखें कि रोज नॉमर्ल रूटिन का पालन करने के साथ पढ़े हुए पाठ को छोटे-छोटे भाग में बांट कर आसानी से रिविजन किया जा सकता है और इससे आगे की पढ़ाई भी सुचारू रूप से चलती रहेगी. कठिन पाठ और प्रश्नों को रिविजन करते समय सबसे ज्यादा समय देने की आवश्यकता होती है.अगर रूटिन टूट जाये तो: यह एक आम समस्या है, जिससे हर विद्यार्थी को दो चार होना पड़ता है. बीमारी, घरेलू दायित्वों, त्योहारों आदि से चाह कर भी बचा नहीं जा सकता है. इनकी वजह से रूटिन प्रभावित हो जाता है और कई बार तो पूरी तरह से टूट भी जाता है. टूटे हुए रूटिन को फिर से पटरी पर लाना कठीन होता है. धीरे-धीरे आप सब कुछ सामान्य होने पर वापसी कर सकते हैं. विद्यार्थियों के अंदर फ्लेक्सीबिलिटी का होना आवश्यक होता है ऐसी चीजों से निपटने के लिए.पढ़ाई के जॉब में लगे विद्यार्थी : ऐसे विद्यार्थी जो नौकरी या व्यापार में रहते हुए पढ़ाई करते हैं, उन्हें भी व्यवस्थित तरीके से पढ़ाई करनी चाहिए. काम के बाद जो समय उनके पास शेष रह जाता है, उसी के अनुसार उनको अपना रूटिन बनाना चाहिए.उद्देश्य को हमेशा याद रखें : आप जो भी करते हैं उसके पीछे का कारण आपको पता होना चाहिए. यह बात आपको हमेशा प्रेरित करती रहेगी. आत्मविश्वास और सकारात्मकता भी अपने अंदर बनाये रखें. इससे अंदरूनी बल मिलता है.इसके अतिरिक्त युवाओं को भटकाने वाली चीजों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे उनका समय नष्ट होता है. समय से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता है. इसलिए हमेशा याद रखिए कि आपको समय पर शासन करना है या फिर समय को आपका शोषण करने देना है.पूजा शुक्लाकंपनी सेक्रेटरी

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