रांची: झारखंड के तीन प्रमुख शहरों में रांची, जमशेदपुर व धनबाद में जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्युअल मिशन (जेएनआरआरयूएम) के तहत पर्याप्त बसों का संचालन नहीं हो रहा है. तीनों शहरों में जेएनआरआरयूएम के तहत 270 बसों का संचालन होना था. केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 में ही कुल बजट का 50 फीसदी हिस्सा मुहैया करा दिया. आम लोगों को इसकी जरूरत भी है, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण बसों का संचालन अधर में लटका हुआ है.
सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत रांची में एक सौ, धनबाद में एक सौ और जमशेदपुर में 50 बसों का संचालन होना था. तीनों शहरों के लिए क्रमश: 14 करोड़, 7.15 करोड़ व 2.75 करोड़ रुपये दिये गये थे. लेकिन, रांची व धनबाद के लिए सौ बसों की जगह 70-70 बसें ही खरीदी गयीं.
इनमें रांची में 35 बसें स्टेशन रोड स्थित सरकारी बस स्टैंड व धुर्वा में बेकार पड़ी हैं. अन्य जगहों की स्थिति भी लगभग यही है. रांची व धनबाद में शेष 30-30 बसें खरीदने की प्रक्रिया अभी भी अटकी पड़ी है. सरकार अब तक टेंडर प्रक्रिया में ही फंसी है.शहरों में बसों के संचालन का प्रबंधन के लिए स्पेशल परपस वेहिकल (एसपीवी) का गठन भी किया जाना है. फिलहाल इसके लिए राज्य सरकार ने झारखंड पर्यटन विकास निगम को नामित किया है. केंद्र को सूचित किया गया है कि एसपीवी का गठन प्रक्रियाधीन है.