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अर्थव्यवस्था सुधारने में समय लगेगा

डब्ल्यूइएफ सम्मेलन. जेटली का भ्रष्टाचार मुक्त, उचित व्यावसायिक परिवेश का वादा, कहाभूमि अधिग्रहण कानून में सुधारों पर हो रहा विचार एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश में भ्रष्टाचार मिटाने और सुधारों को आगे बढ़ाने का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि नयी सरकार ने उचित और पारदर्शी व्यावसायिक परिवेश बनाने तथा सांठगांठवाले […]

डब्ल्यूइएफ सम्मेलन. जेटली का भ्रष्टाचार मुक्त, उचित व्यावसायिक परिवेश का वादा, कहाभूमि अधिग्रहण कानून में सुधारों पर हो रहा विचार एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश में भ्रष्टाचार मिटाने और सुधारों को आगे बढ़ाने का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि नयी सरकार ने उचित और पारदर्शी व्यावसायिक परिवेश बनाने तथा सांठगांठवाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार श्रम सुधारों, कुछ सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और भूमि अधिग्रहण कानून में सुधारों को आगे बढ़ाने पर भी गौर कर रही है. उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था को सुधारने में काफी समय लग सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधार कोई एक सनसनीखेज विचार नहीं हो सकता. वह भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे.गलत विचार से अर्थव्यवस्था ध्वस्त होगाविश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूइएफ) द्वारा आयोजित सम्मेलन का उदघाटन करते हुए जेटली ने कहा, ‘आज एक गलत विचार से पूरी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर सकते हैं. पिछली तिथि से कर लगाना एक ऐसा ही गलत विचार था, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा.’ कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा, इसके परिणामस्वरूप ‘इस मामले में निर्णय लेने के जो तत्व थे वह करीब-करीब नदारद थे और जब आप एक बार इस तरह के निर्णय ले लेते हैं तो इससे भ्रष्टाचार, गंठजोड़ के विचार या फिर सांठगांठवाला पूंजीवाद जैसी भ्रष्टाचार की संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं.’ वित्त मंत्री ने कहा, निवेशकों को एक ऐसी शासन व्यवस्था चाहिए जो सही हो. उन्हें ऐसी व्यवस्था नहीं चाहिए जहां उन्हें पूरी तरह से राजनीतिज्ञों और मंत्रियों की दया पर निर्भर रहना पड़े. कोयला क्षेत्र में उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसी तरह के कदम दूसरे प्राकृतिक संसाधनों और अन्य खनिजों के मामले में भी उठाये जायेंगे. सोच बदलने की जरूरतभ्रष्टाचार और सांठगांठवाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में उठाये कदमों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए जेटली ने कहा कि जो देश को चला रहे हैं उन्हें अपनी सोच बदलनी होगी. उन्होंने कहा, ‘हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं.’ नयी सरकार द्वारा पिछले पांच-छह माह के दौरान लिये गये निर्णयों का लक्ष्य है कि निर्णयों में मनमानी की संभावना खत्म हो. वित्त मंत्री ने बीते समय में कोयला प्रखंडों और दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन में उत्पन्न विवादों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन में सांठगांठवाला पूंजीवाद दिखा. जेटली ने कहा कि नयी सरकार ने अब कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में अध्यादेश जारी किया है, ताकि इस क्षेत्र में मनमाने निर्णयों की गुंजाइश दूर हो तथा फैसले निष्पक्षता से हों.

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