झाविमो के साथ विलय की शर्त पर हो रही है बातचीतभाजपा के बड़े नेता तलाश रहे हैं रास्तावरीय संवाददाता, रांचीभाजपा ने विधानसभा चुनाव में गंठबंधन का विकल्प खुला रखा है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व झाविमो के साथ चुनाव में आगे बढ़ना चाहता है. हालांकि भाजपा की पूरी कोशिश है कि झाविमो का विलय करा लिया जाये. भाजपा ने झाविमो के समक्ष पहले भी विलय की शर्त रखी थी. भाजपा की कोशिश है कि चुनाव से पूर्व ही सत्ता के गणित को दुरुस्त कर लिया जाये. भाजपा के टॉप नेताओं ने इस प्रस्ताव के साथ झाविमो से संपर्क भी किया था. हालांकि झाविमो ने अपना पत्ता नहीं खोला है. झाविमो भाजपा के साथ गंठबंधन कर सकती है. झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी कहा है कि वह किसी शर्त में विलय नहीं करेंगे. लेकिन गंठबंधन की संभावनाओं के बारे में विकल्प खुले रखने की बात करते हैं. भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी झाविमो और आजसू के साथ गंठबंधन पर विचार कर रही है. अगर झाविमो और आजसू की मांग वाजिब रही तो इनके साथ गंठबंधन हो सकता है. इस बात का संकेत भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने भी दिया था. पिछले दिनों झारखंड दौरे में उन्होंने कहा था कि भाजपा सबसे अच्छे ढंग से गंठबंधन धर्म का पालन करती है. लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कई दलों के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. अगर गंठबंधन करनेवाले दलों की मांग वाजिब रही तो झारखंड में भी कुछ दलों के साथ गंठबंधन हो सकता है. प्रदेश नेतृत्व नहीं चाहता है गंठबंधनइधर भाजपा का प्रदेश नेतृत्व अकेले चुनाव लड़ना चाहता है. लोकसभा चुनाव का हवाला देकर प्रदेश नेतृत्व आलाकमान से अकेले चुनाव लड़ने की वकालत कर रहा है. हालांकि अभी तक गंठबंधन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है. झाविमो भाजपा के साथ गंठबंधन की बात पर सीधा इनकार करती है.भाजपा पहले भी गंठबंधन में लड़ी चुकी है चुनावझारखंड गठन के बाद से दो बार विधानसभा के चुनाव हुए. इसमें भाजपा और जदयू ने साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. वर्ष 2009 के चुनाव में जदयू को गंठबंधन के तहत 14 सीटें दी गयी थी. इसमें से जदयू प्रत्याशी सिर्फ दो सीटों पर जीते थे. वहीं वर्ष 2005 के चुनाव में जदयू को 18 सीटें दी गयी थी. इसमें से जदयू प्रत्याशी ने छह सीटों पर जीत दर्ज किया था.कांग्रेस-झामुमो के गंठबंधन पर भी है नजरभाजपा की नजर राज्य में कांग्रेस और झामुमो के साथ हो रहे गंठबंधन पर भी है. अगर इस गंठबंधन में राजद, जदयू भी शामिल होता है, तो पार्टी इनसे मुकाबला करने के लिए अन्य दलों के साथ हाथ मिला सकती है. भाजपा गंठबंधन का पत्ता खोलने के पहले यूपीए की तसवीर साफ होने का इंतजार है.
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भाजपा ने गंठबंधन का विकल्प रखा है खुला
झाविमो के साथ विलय की शर्त पर हो रही है बातचीतभाजपा के बड़े नेता तलाश रहे हैं रास्तावरीय संवाददाता, रांचीभाजपा ने विधानसभा चुनाव में गंठबंधन का विकल्प खुला रखा है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व झाविमो के साथ चुनाव में आगे बढ़ना चाहता है. हालांकि भाजपा की पूरी कोशिश है कि झाविमो का विलय करा लिया जाये. […]
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