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संघ ने विवादास्पद लेख से खुद को अलग किया

संघ के मुखपत्र केसरी में भाजपा नेता गोपालाकृष्णन ने लिखा था लेखमलायलम में प्रकाशित पत्रिका में भाजपा ने लिखा था, महात्मा गांधी से पहले नेहरू का बनाया जाना चाहिए था निशाना नयी दिल्ली/तिरुवनंतपुरम. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केरल से मलायम में प्रकाशित होनेवाले अपने मुखपत्र ‘केसरी’ में छपे एक लेख पर विवाद खड़ा होने और […]

संघ के मुखपत्र केसरी में भाजपा नेता गोपालाकृष्णन ने लिखा था लेखमलायलम में प्रकाशित पत्रिका में भाजपा ने लिखा था, महात्मा गांधी से पहले नेहरू का बनाया जाना चाहिए था निशाना नयी दिल्ली/तिरुवनंतपुरम. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केरल से मलायम में प्रकाशित होनेवाले अपने मुखपत्र ‘केसरी’ में छपे एक लेख पर विवाद खड़ा होने और राजनीतिक दलों के निशाने पर आने के बाद खुद को इससे अलग कर लिया है. इस लेख में कहा गया है कि नाथुराम गोडसे को महात्मा गांधी की बजाय पंडित जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था, जो कथित तौर पर देश विभाजन के जिम्मेदार थे. संघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने यहां जारी बयान में कहा, ‘संघ केसरी मलयालम के 17 अक्तूबर के अंक में प्रकाशित विवादास्पद लेख की निंदा करता है. उस लेख के विचार पूरी तरह से उसके लेखक के हैं और संघ का उससे कुछ लेना देना नहीं है.’ उन्होंने कहा कि एक आंदोलन के तौर पर संघ ने हमेशा हिंसा के विचार और कार्रवाई की निंदा की है. इसलिए वह हाल के लोकसभा चुनाव में केरल में चालाकुडी सीट से भाजपा के उम्मीदवार रहे बी गोपालकृष्णन के संघ के मुखपत्र मानी जानीवाली पत्रिका ‘केसरी’ के ताजा अंक में छपे उस लेख से सहमत नहीं हैं, जिसमें ऐसे विचार व्यक्त किये गये हैं. इसमें आरोप लगाया गया था कि नेहरू की कथित स्वार्थी राजनीति देश के बंटवारे और गांधी की हत्या सहित सभी राष्ट्रीय त्रासदियों की जिम्मेदार है.कांग्रेस ने की आलोचना की, मोदी से मांगा स्पष्टीकरणकांग्रेस ने कथित तौर पर इतिहास को दुर्भावना से तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए आरएसएस और भाजपा की तीखी आलोचना की तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग की. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इस लेख को बर्बर तथा गैर-कानूनी करार देते हुए कहा कि मोदी की चुप्पी उनकी संलिप्तता की ओर ही इशारा करेगी. भाजपा नेता की दलील कि गोडसे को महात्मा गांधी के बदले नेहरू की हत्या करनी चाहिए थी, पुष्टि करती है कि उनकी विचारधारा के मूल सिद्धांत घृणा और हिंसा हैं. माकन ने कहा, ‘आरएसएस और भाजपा के दिवालिया मस्तिष्क के अंधेरे कोने के अलावा कहीं और इस प्रकार का विकृत प्रवचन पाना कठिन है. कांग्रेस की केरल इकाई ने भी लेख को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. पार्टी के महासचिव एस राजशेखरन की ओर से इस बारे में कार्रवाई किये जाने की मांग पर राज्य के गृह मंत्री रमेश चेन्नीतला ने डीजीपी केएस बालसुब्रमण्यम से इस मुद्दे पर गौर करने तथा आवश्यक होने पर कार्रवाई करने को कहा है. बहरहाल, केसरी के संपादक ने इस लेख का बचाव करते हुए कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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