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राजनीतिक दलों पर होगा महिलाओं को टिकट देने का दबाव

सरकार के आरक्षण के बाद राजनीतिक हिस्सेदारी का बढ़ रहा दबावफैक्ट फाइल —-सरकार ने महिलाओं के लिए जो काम किया- महिला नीति जारी की- शिक्षक बहाली में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण- होमगार्ड की बहाली में महिलाओं को 50 प्रतिशत- पुलिस बहाली में 33 प्रतिशत – पंचायत सचिव की बहाली में महिलाओं को 50 प्रतिशत […]

सरकार के आरक्षण के बाद राजनीतिक हिस्सेदारी का बढ़ रहा दबावफैक्ट फाइल —-सरकार ने महिलाओं के लिए जो काम किया- महिला नीति जारी की- शिक्षक बहाली में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण- होमगार्ड की बहाली में महिलाओं को 50 प्रतिशत- पुलिस बहाली में 33 प्रतिशत – पंचायत सचिव की बहाली में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण- मेडिकल, इंजीनियरिंग, नर्सिंग, पॉलिटेक्निक व फॉर्मेसी की मुफ्त शिक्षा- महिलाओं के लिए विशेष योजना बजट में 10 फीसदी की भागीदारीविधानसभा चुनाव 2009 में महिलाओं की स्थितिकुल उम्मीदवार : 1491कुल महिला प्रत्याशी: 10745 सामान्य सीट 15 एससी सीट 47 एसटी सीटआठ ने जीत दर्ज की94 महिलाओं की जमानत जब्तमहिला जो जीतकर आयींसीता सोरेन(झामुमो) अन्नपूर्णा देवी(राजद), कुंती देवी(भाजपा), मेनका सरदार(भाजपा) गीता कोड़ा(जय भारत समानता पार्टी), गीताश्री उरांव(कांग्रेस),विमला प्रधान(भाजपा) सुधा चौधरी(जदयू)-कुल मत पड़े : 10281002, महिलाओं का वोट : 4642565 टिकट देने में पार्टियों की स्थितिपार्टीकितनी महिलाओं को टिकट दियाकितनी महिला जीतीझामुमो31कांग्रेस31भाजपा73जदयू11राजद91जय भारत समानता पार्टी11आजसू50सीपीएम10एलजेपी20एआइटीसी40आरएसपी20सीपीआइ(एमएल)(एल)50बीएसपी70एआइएफबी10यूजीडीपी30सुनील चौधरी, रांची हेमंत सोरेन की सरकार महिलाओं के लिए दनादन घोषणाएं करती जा रही है. नि:शुल्क शिक्षा से लेकर शिक्षक, पुलिस बहाली और पंचायत सचिव तक की बहाली में महिलाओं को आरक्षण दिया गया है. हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार तक को इस मामले में चुनौती दे डाली है. अब दूसरी तरफ से यह मांग भी उठनी लगी है कि महिलाओं के लिए इतना किया जा रहा है, तो फिर राजनीतिक हिस्सेदारी भी बढ़नी चाहिए. अमूमन राजनीतिक हिस्सेदारी के मामले में सारे राजनीतिक दल पीछे हैं. महिलाओं को जहां उम्मीदवार बनाने की बात होती है तो तमाम राजनीतिक दल दो-चार महिलाओं को टिकट देकर अपनी जिम्मेवारी को पूरा मान लेते हैं. झारखंड बनने के बाद ऐसा देखा गया है कि महिलाओं को चुनाव में टिकट देने से बड़े-बड़े राजनीतिक दल कतराते रहे हैं. 107 महिलाओं में आठ ने ही जीत दर्ज कीवर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में 81 सीट पर 1491 उम्मीदवार खड़े हुए थे. जिसमें 107 महिलाएं थी. कुल मत पड़े थे 1,02,81,002. इसमें महिलाओं का वोट 46,42,565 था. पर केवल आठ महिलाओं ने ही जीत दर्ज की. 94 महिला उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. पार्टियों ने कम दिया था टिकटवर्ष 2009 विधानसभा के चुनाव में पार्टियों ने महिलाओं को टिकट बांटने में दरियादिली नहीं दिखायी. भाजपा ने सात महिलाओं को टिकट दिया था, जिसमें तीन जीत कर आयीं. वहीं झामुमो व कांग्रेस ने तीन-तीन महिलाओं को टिकट दिया था, जिसमें से एक-एक जीती. महिलाओं को सबसे अधिक टिकट राजद ने दिया था. राजद ने नौ महिलाओं को टिकट दिया था. इसमें एक ही जीत कर आ सकी. जदयू व जय भारत समानता पार्टी ने एक-एक महिलाओं को टिकट दिया और एक-एक सीट पर जीत दर्ज की. अन्य दलों में आजसू ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था. सीपीआइ(एमएल)(एल) ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था. बसपा ने सात को टिकट दिया था. पर किसी ने जीत नहीं दर्ज की. उठ रही है मांग50 फीसदी टिकट महिलाओं को मिले जिस तरह सरकार महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दे रही है. उसी तरह अब राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि महिलाओं की उपेक्षा न करें. चुनाव के दौरान पार्टी महिलाओं को 50 फीसदी टिकट दे. पूरे देश में जब इनकी भागीदारी 50 फीसदी हो रही है तो राजनीति में 50 फीसदी हिस्सेदारी क्यों न हो. महिलाएं अब सशक्त बन रही हैं. अबल नहीं सबला हो रही हैं. आभा सिन्हामहिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षराजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिएमहिलाओं के बिना जब परिवार नहीं चल सकता. समाज नहीं चल सकता. महिलाओं की अहमियत है, तो राजनीतिक भागीदारी भी महिलाओं को समान रूप से मिलनी चाहिए. जिस तरह से राजनीतिक विकृतियां आयीं है. महिलाएं ज्यादा से ज्यादा आयेंगी तो विकृतियां भी दूर होंगी.उषा पांडेयभाजपा महिला मोरचा की प्रदेश अध्यक्ष

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