– स्कूल-कॉलेजों की प्रस्वीकृति नियमावली
– कमेटी ने की थी संतालपरगना में दान पत्र के आधार पर मान्यता देने की अनुशंसा
– कमेटी ने गत वर्ष ही विभाग को सौंप दी थी रिपोर्ट, लंबित है मामला
रांची : राज्य में स्कूल-कॉलेजों को मान्यता (प्रस्वीकृति) देने की नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव एक वर्ष से लंबित है. नियमावली में संशोधन के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम के निर्देश पर कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने गत वर्ष जुलाई में अपनी रिपोर्ट मानव संसाधन विकास विभाग को सौंप दी थी.
कमेटी ने संतालपरगना प्रमंडल में जमीन रजिस्ट्री नहीं होने के कारण मान्यता नहीं मिलने के मामले पर विचार किया था. स्कूल-कॉलेजों को मान्यता मिले, इसके लिए कमेटी ने संतालपरगना प्रमंडल में जमीन के मापदंड में छूट की अनुशंसा विभाग से की थी. जमीन के लिए दानपत्र के आधार पर मान्यता देने की अनुशंसा की गयी थी. नियमावली में संशोधन होने से संतालपरगना में स्कूल-कॉलेजों को मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो जायेगा.
दो खंड में हो सकती है जमीन
इंटर कॉलेजों की मान्यता के लिए ग्रामीण क्षेत्र में दो एकड़ व शहरी क्षेत्र में एक एकड़ जमीन का होना आवश्यक है. कमेटी ने ग्रामीण क्षेत्र में जमीन एक जगह नहीं होने पर भी मान्यता देने की बात रिपोर्ट में कही है. दो एकड़ जमीन दो खंड में भी हो सकता है, लेकिन दोनों भूखंड की दूरी पांच सौ मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. शहरी क्षेत्र में एक खंड में 50 डिसमिल जमीन पर भी मान्यता दी सकती है.
नियमावली में जल्द हो संशोधन
झारखंड इंटरमीडिएट शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के महासचिव डॉ रघुनाथ सिंह ने कहा है कि नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाये. इससे संतालपरगना समेत राज्य भर में स्कूल-कॉलजों को मान्यता मिलने का रास्ता साफ होगा. नियमावली में संशोधन नहीं होने के कारण राज्य के 130 इंटर कॉलेज बंद होने के कगार पर हैं. नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया जल्द पूरी नहीं हुई, तो महासंघ आंदोलन करेगा.