रांची: गिरिडीह के मुफस्सिल थाना प्रभारी की अवैध कमाई सालाना एक करोड़ रुपया है. यह कमाई तब होती है, जब कोयले का अवैध कारोबार चलता है. इसका खुलासा थाने के पूर्व प्रभारी दारोगा विनम कुमार और राज्य के एक बड़े सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के करीबी समङो जानेवाले ठेकेदार फसी अहमद के बीच हुई बातचीत से जुड़ी सीडी से हुआ है.
इस ऑडियो सीडी में फसी अहमद को विनम कुमार से यह कहते हुए रिकॉर्ड किया गया है कि डेढ़ साल में कम से कम पांच करोड़ तो कमा ही लेते. इस पर दारोगा विनम कुमार कहते हैं कि पांच तो नहीं, पर एक से डेढ़ करोड़ जरूर कमा लेते. एसपी को भी देना पड़ता है.
व्यवसायी को फंसाया : सीडी में रिकॉर्ड की गयी बातचीत से इस बात का खुलासा हुआ है कि गिरिडीह के एक व्यवसायी को फरजी तरीके से विस्फोटक बरामदगी मामले में फंसाया गया था. सीडी में रिकॉर्ड बातचीत में विनम कुमार से फसी अहमद कहता है कि व्यवसायी को फंसाने को लेकर साहब गुस्से में थे.
साहब आपको बरखास्त करनेवाले थे. केस को माइल्ड कराने के लिए काफी कोशिश करनी पड़ी. साहब के कहने से ही एक पुलिस अधिकारी ने मामले में दर्ज प्राथमिकी को फॉल्स किया. सीडी में रिकॉर्ड की गयी बातचीत में दारोगा विनम कुमार हजारीबाग के किसी थाने में अपनी पोस्टिंग कराने के लिए फसी अहमद को पांच लाख रुपये देने की बात कह रहे हैं. वह कहते हैं, अभी तीन लाख दे रहे हैं. दो लाख दुमका से आने हैं. आने पर दे देंगे. गौरतलब है कि बाद में विनम कुमार का गिरिडीह से हजारीबाग में तबादला कर दिया गया था.
एक नेता का भी नाम
बातचीत के दौरान किसी नेता शैलेंद्र सिंह का भी नाम आया है. विनम कुमार उसे 20 हजार रुपये पहले दे चुके हैं. फसी अहमद उसे और 50 हजार रुपया देने की बात कहते हैं. राज्य के एक पूर्व सीएम के आप्त सचिव का भी नाम आया है, जिन्होंने विनम कुमार की पोस्टिंग के लिए हजारीबाग के एसपी को कॉल किया था.
कैसे सामने आयी सीडी
मामले में सबसे पहले विनम कुमार ने राज्यपाल के सलाहकार को आवेदन देकर एक बड़े सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के करीब फसी अहमद पर वसूली का आरोप लगाया. मामले की जांच हजारीबाग डीआइजी सुमन गुप्ता कर रही हैं. जांच शुरू होने के कुछ दिन बाद सीडी सामने आयी.